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शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे सादिक बोले, बीएचयू के डॉ. फिरोज खान पर हमें गर्व करना चाहिए Aligarh News

शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे सादिक ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के प्रो. डॉ. फिरोज खान का बचाव किया।

By Sandeep SaxenaEdited By: Published: Sat, 23 Nov 2019 02:24 PM (IST)Updated: Sat, 23 Nov 2019 02:24 PM (IST)
शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे सादिक बोले, बीएचयू के डॉ. फिरोज खान पर हमें गर्व  करना चाहिए Aligarh News
शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे सादिक बोले, बीएचयू के डॉ. फिरोज खान पर हमें गर्व करना चाहिए Aligarh News

अलीगढ़ (जेएनएन) : शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे सादिक ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के प्रो. डॉ. फिरोज खान का बचाव किया। फिरोज की नियुक्ति पर कहा कि यदि कोई मुस्लिम संस्कृत पढ़ा रहा है तो इससे अच्छी और क्या बात हो सकती है? यह गर्व की बात है। यदि कोई हिंदू अच्छी उर्दू पढ़ाता है तो उस पर भी हमें गर्व होना चाहिए। उसका स्वागत करना चाहिए। देश के विकास के लिए ऐसे मामलों को प्रोत्साहित करने की जरूरत है। इस पर विवाद नहीं होना चाहिए। मौलाना सुप्रीम कोर्ट के फैसले में मस्जिद के लिए पांच एकड़ जमीन देने पर भी बोले। कहा, वहां मस्जिद बनाने की बात चल रही है। मगर, पहले से अयोध्या समेत देशभर में जो मस्जिद हैं, उन्हें ही हमें ठीक कर लेना चाहिए, फिर आगे की सोचें।

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उर्दू डिपार्टमेंट में पढ़ाने वाले हिंदू का हो स्वागत

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के गेस्ट फैकल्टी में आए मौलाना ने बातचीत में कहा कि डॉ. फिरोज की नियुक्ति पर बिना वजह विवाद हो रहा है। हमें तो गर्व होना चाहिए कि एक मुस्लिम प्रोफेसर संस्कृत पढ़ा रहे हैं। वे अपने टैलेंट से वहां पहुंचे हैं। कोई हिंदू यदि उर्दू डिपार्टमेंट में पढ़ाता है तो उसका भी स्वागत करना चाहिए। अयोध्या में मस्जिद के लिए दी गई पांच एकड़ जमीन पर क्या बनना चाहिए? इस सवाल पर उन्होंने कहा कि अयोध्या समेत देशभर में जितनी भी मस्जिद हैं, उनकी ही हमें अच्छे से देखरेख करनी चाहिए। पांच एकड़ पर नई मस्जिद बनती है तो फिर नया विवाद खड़ा होगा। कोई मुतवल्ली के लिए लड़ेगा तो कोई ट्रस्ट को लेकर विवाद खड़ा करेगा। मेरी राय में वहां पर स्कूल, अस्पताल आदि का निर्माण होना चाहिए।

अयोध्या मामले में तूल देने की जरूरत नहीं

एएमयू के कुछ छात्रों ने राममंदिर पर आए कोर्ट के फैसले को विरोधाभासी बताया है? इस सवाल पर उन्होंंने कहा कि अब इस मामले को तूल देने की जरूरत नहीं है। सभी ने इसका स्वागत किया है। अब यह मुद्दा खत्म हो गया। देश में जो राजनीतिक दल विकास व तरक्की की बात करेगा, वही सत्ता में रह पाएगा। अब नई राजनीति की शुरुआत होगी।


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