शाहीन बाग बनाने को शाहजमाल में सात घंटे हंगामा, जामिया के छात्र को पुलिस ने पकड़ा Aligarh news
देहलीगेट क्षेत्र का शाहजमाल गुरुवार को शाहीन बाग से कम नहीं था। अंतर सिर्फ इतना था कि शाहीन बाग में धरना निरंतर चल रहा है।
अलीगढ़[ जेएनएन]: देहलीगेट क्षेत्र का शाहजमाल गुरुवार को शाहीन बाग से कम नहीं था। अंतर सिर्फ इतना था कि शाहीन बाग में धरना निरंतर चल रहा है, जबकि शाहजमाल में चरणबद्ध तरीके से महिलाएं छह घंटे सड़क पर डटी रहीं। कभी पार्क तो कभी कालोनी की गली में ही विरोध जताया। शहर मुफ्ती की अपील के बाद भी नहीं हटीं तो नोकझोंक भी हुईं। इसी बीच जामिया के एक छात्र को पुलिस ने पकड़ लिया। छह घंटे बाद देर शाम छात्र को जब छोड़ा गया, तब जाकर महिलाओं ने धरना समाप्त किया।
यह है मामला
सीएए, एनआरसी और एनपीआर के विरोध में शाहजमाल ईदगाह में महिलाओं ने जिला प्रशासन की अनुमति पर दो दिवसीय (मंगलवार और बुधवार) धरना दिया था, लेकिन गुरुवार को दोपहर करीब साढ़े 12 बजे फिर से 150-200 महिलाएं शाहजमाल एडीए कालोनी के पार्क में इकट्ठा होने लगीं। इनका नेतृत्व पांच युवतियां कर रही थीं। सूत्रों के मुताबिक, इनमें दो एएमयू की छात्राएं थीं। महिलाएं यहां से ईदगाह में जाना चाहती थीं।
पुलिस ने महिलाओं को समझाया
देहलीगेट थाना प्रभारी धीरेंद्र मोहन शर्मा पुलिस बल के साथ पहुंचे और समझाया, लेकिन महिलाएं नहीं रुकीं। फिर ईदगाह के इंचार्ज नावेद, एडीए वेलफेयर सोसाइटी के सेक्रेटरी बाबर व वक्फ नंबर 63 के सेक्रेटरी मोईनुद्दीन ने महिलाओं को समझाया कि बिना अनुमति के धरना नहीं दिया जा सकता। प्रशासन को पत्र लिखा गया है। संभवत: 26 जनवरी के बाद अनुमति मिल जाएगी, लेकिन महिलाएं ईदगाह पर जाने के लिए अड़ गईं, जिस पर हंगामे की स्थिति बन गई। बोलीं कि विरोध करना हमारा हक है। हमें ना रोका जाए। जैसे तैसे महिलाओं को शांत किया गया, लेकिन धीरे-धीरे महिलाओं की भीड़ बढ़ती गई।
शहर मुफ्ती ने की शांति की अपील
इस पर कोतवाली थाना प्रभारी रवेंद्र सिंह व शहर मुफ्ती खालिद हमीद आ गए। शहर मुफ्ती ने भी महिलाओं से शांति अपील की। कहा कि संवैधानिक तरीके से विरोध करें। किसी को परेशानी ना पहुंचाएं। इसके बाद पार्क में ताला लगवा दिया गया। शहर मुफ्ती के जाने के कुछ देर बाद फिर से महिलाएं ईदगाह की तरफ बढऩे लगीं। इसी दौरान दो संदिग्ध युवक महिलाओं की फोटो व वीडियो बनाने लगे। इस पर महिलाओं ने आपत्ति जताई। पूछताछ में युवक ने अपना नाम शाहीन अब्दुल्ला निवासी केरल बताया और कहा कि वह जामिया में मास कम्युनिकेशन का छात्र है और यहां कवरेज के लिए आया है। उसने मीडिया का आइ-कार्ड भी दिखाया।
जामिया के छात्र को पकड़ा
जामिया का नाम सुनते ही पुलिस के कान खड़े हो गए और युवक को हिरासत में ले लिया गया। इस पर धरने का नेतृत्व कर रही युवतियों ने छात्र को छोडऩे की बात कहकर हंगामा किया। इस पर फिर से पुलिस पहुंची और नावेद, बाबर और मुईनुद्दीन ने महिलाओं को समझाया और पार्क इसी बीच छात्राओं के कहने पर कुछ महिलाएं उग्र होने लगीं तो मोहल्ले की ही सायरा बानो ने बीचबचाव कर स्थिति को संभाला, लेकिन छात्राओं के कहने पर फिर से महिलाएं गली में ही धरने के रूप में विरोध करने लगीं। जब हंगामा बढऩे लगा तो छात्रसंघ के निवर्तमान अध्यक्ष सलमान इम्तियाज व अन्य छात्र आ गए।
छात्र को निजी मुचलके पर छोड़ा
एसपी सिटी अभिषेक कुमार, सीओ प्रथम विशाल पांडेय भी पहुंचे। उन्होंने भी महिलाओं को समझाया, लेकिन महिलाएं अब छात्र को छोडऩे पर अड़ गईं। देर शाम करीब साढ़े सात बजे छात्र को छोड़ा गया, तब जाकर महिलाओं ने धरना समाप्त किया। एसपी सिटी अभिषेक कुमार ने बताया कि केरल के रहने वाले शाहीन को पकड़ा था, जिसके खिलाफ शांतिभंग में कार्रवाई कर निजी मुचलके पर छोड़ दिया गया।
महिलाओं को फिर अफवाह के सहारे उकसाया
धरने के दौरान महिलाओं के बीच इस बात की अफवाह भी उड़ी कि उन्हें देश से निकाल दिया जाएगा। जल्द ही उनके घर का राशन पानी बंद करने भी तैयारी है। हालांकि मोहल्ले के लोगों ने महिलाओं को काफी समझाया। इसे लेकर नोकझोंक भी हुईं। बाद में मामला शांत हो गया। जामिया के छात्र का मौके पर होना भी एक सवाल है। वह उसी वक्त कवरेज करने कैसे पहुंच गया? उसे कैसे पता चला कि वहां धरना हो रहा है? पूछताछ में छात्र ने बताया था कि वह एएमयू में रह रहा है।
अलीगढ़ पुलिस जिंदाबाद के नारे लगे
दिनभर चले हंगामे के बीच पुलिस ने पूरे संयम से काम लिया। पुलिस ने इलाके के संभ्रांत लोगों का सहारा लेकर विवाद का निपटारा करवाया। कुछ महिलाओं ने पुलिस की बात को समझकर सहमति जताई और अन्य महिलाओं को भी समझाया। इस दौरान कुछ महिलाओं ने अलीगढ़ पुलिस जिंदाबाद के नारे भी लगाए।