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अलीगढ़ में विषम परिस्थिति से निपटने को माध्यमिक शिक्षा विभाग ने बढ़ाए कदम, जानिए मामला

कोरोना की दूसरी लहर के बाद किसी भी विषम परिस्थिति से निपटने के लिए यानी जिसमें शिक्षा प्रभावित न हो उस दिशा में माध्यमिक शिक्षा विभाग ने कदम बढ़ाए हैं। कोरोना काल में आधुनिकता ने अपनी महत्ता से सभी को परिचित कराया है।

By Sandeep Kumar SaxenaEdited By: Published: Tue, 07 Dec 2021 10:58 AM (IST)Updated: Tue, 07 Dec 2021 10:58 AM (IST)
अलीगढ़ में विषम परिस्थिति से निपटने को माध्यमिक शिक्षा विभाग ने बढ़ाए कदम, जानिए मामला
डीआइओएस डा. धर्मेंद्र कुमार शर्मा ने कहा हर प्रधानाचार्य को इंटरनेट कनेक्शन की सूचना उपलब्ध करानी है।

अलीगढ़, जागरण संवाददाता। कोरोना की दूसरी लहर के बाद किसी भी विषम परिस्थिति से निपटने के लिए यानी जिसमें शिक्षा प्रभावित न हो, उस दिशा में माध्यमिक शिक्षा विभाग ने कदम बढ़ाए हैं। कोरोना काल में आधुनिकता ने अपनी महत्ता से सभी को परिचित कराया है। चिकित्सा क्षेत्र हो या व्यापार का क्षेत्र हो हर कहीं आनलाइन सिस्टम ने पैठ बनाई। यहां तक कि देश में जिस आनलाइन माध्यम से पढ़ाई की किसी ने कल्पना भी नहीं की थी, वो भी साकार हो गई। कोरोना की दो लहरों की मार झेल चुकी शिक्षा व्यवस्था अब अगले ऐसे किसी भी अंदेशे से पहले खुद को मजबूत करने की ओर बढ़ चली है। माध्यमिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में जहां इंटरनेट व एंड्रायड मोबाइल न होने से तमाम विद्यार्थियों की आनलाइन पढ़ाई अटकी अब वहां आधुनिकता की पटकथा लिखी जाएगी। पहले इसमें जिले के 35 राजकीय विद्यालयों को शामिल किया जाएगा। फिर 94 एडेड विद्यालयों की बारी आएगी।

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इंटरनेट सुविधा मौजूद नहीं 

माध्यमिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में अब कोरोना काल के बाद फाइबर इंटरनेट कनेक्शन की सुविधा भी उपलब्ध होगी। कोविड-19 दौर में आनलाइन माध्यम पर आश्रित हुई शिक्षा व्यवस्था को मजबूती देने के लिए ये कदम उठाया गया है। परिषद की ओर से सभी विद्यालयों के प्रधानाचार्यों से उनके यहां उपलब्ध इंटरनेट सुविधा का ब्योरा मांगा गया है। हालांकि जिले में अभी तक लगभग किसी भी कालेज में हाईस्पीड फाइबर इंटरनेट कनेक्शन की सुविधा नहीं है। इन कालेजों को इस सुविधा से लैस करने को सूचना मांगी गई है। जिले में 94 एडेड, 35 राजकीय व करीब 625 वित्तविहीन कालेज हैं। कालेजों में इंटरनेट की सुविधा बेहतर होने से विद्यार्थियों को आनलाइन टीचिंग मैटीरियल भी उपलब्ध हो सकेगा। साथ ही शिक्षक दूरदर्शन पर प्रसारण के लिए तैयार किए अपने शैक्षिक वीडियो को भी समय से अपलोड कर सकेंगे। वीडियो तैयार करने से लेकर उसको साइट पर अपलोड करने तक में अभी इंटरनेट की धीमी स्पीड के चलते शिक्षकों को काफी परेशानी का सामना करना पडता है। इसके लिए डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास व सूचना एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में निवेश के लिए ब्राडबैंड रेडीनेस इंडेक्स के आकलन के संबंध में सूचना मांगी गई है। कोरोना काल से राहत मिलने के बाद अब विद्यालय खुलने लगे हैं। ऐसे में अटकी हुई व्यवस्था को गति देने का कदम भी उठाया जा रहा है। ये सूचना सभी विद्यालयों की ओर से दी जानी अनिवार्य की गई है।

ऐसे अटका काम

डीआइओएस डा. धर्मेंद्र कुमार शर्मा ने कहा कि आनलाइन शिक्षा की जरूरत काे ध्यान में रखते हुए कालेजों में इंटरनेट सुविधा बेहतर करने की योजना है। हर प्रधानाचार्य को तय प्रारूप पर इंटरनेट कनेक्शन की सूचना उपलब्ध करानी है। हालांकि ये काम पहले ही होना था लेकिन कोरोना काल और फिर बोर्ड की इंप्रूवमेंट परीक्षा के चलते काम अटक गया था।


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