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दीपावली पर शराब माफियाओं पर शिकंजा हुआ ढीला, ये है वजह Aligarh News

उत्‍तर प्रदेश के जनपद अलीगढ़ में जहरीली शराब पीने से सौ से अधिक लोगों की मौत हो गई थी। इसको लेकर भाजपा सरकार की जमकर किरकिरी हुई थी। अहम बात यह है कि अब पुलिस व प्रशासन की अब शराब माफियाओं पर एक बार पकड़ी ढीली होने लगी है।

By Sandeep Kumar SaxenaEdited By: Published: Thu, 28 Oct 2021 01:01 PM (IST)Updated: Thu, 28 Oct 2021 01:01 PM (IST)
दीपावली पर शराब माफियाओं पर शिकंजा हुआ ढीला, ये है वजह Aligarh News
शराब माफिया के खिलाफ पुलिस-प्रशासन ने सुस्ती की चादर ओढ़ ली है।

अलीगढ़, जागरण संवाददाता। उत्‍तर प्रदेश के जनपद अलीगढ़ में जहरीली शराब पीने से सौ से अधिक लोगों की मौत हो गई थी। इसको लेकर भाजपा सरकार की जमकर किरकिरी हुई थी। अहम बात यह है कि अब पुलिस व प्रशासन की अब शराब माफियाओं पर एक बार पकड़ी ढीली होने लगी है। सरकार के आदेशों के बाद भी अब तक कार्रवाई की धार रफ्तार नहीं पकड़ सकी है। पांच महीने से मजिस्ट्रेटी जांच अधर में लटकी हुई है। वहीं, माफिया के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून ( एनएसए) के तहत कार्रवाई भी ठंडे बस्ते में पहुंच गई है। पुलिस-प्रशासनिक अफसर कार्रवाई के नाम पर एक दूसरे पर टालकर पल्ला झाड़ रहे हैं। जबकि, शराब कांड के आरोपित जमानत के लिए प्रयासरत हैं।

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पारिवारिक लाभ योजना

28 मई को जिले में जहरीली शराब से लोगों की मौत का सिलसिला शुरू हुआ था। इससे सौ से अधिक लोगों की मौत हो गई थी। पुलिस ने 33 मुकदमे दर्ज किए थे। सभी में चार्जशीट लग चुकी है। वहीं मुख्य आरोपित माफिया ऋषि शर्मा, अनिल चौधरी समेत 80 से अधिक आरोपित जेल में हैं। देहात क्षेत्र के मृतकों के स्वजन को किसान दुर्घटना बीमा योजना के तहत पांच-पांच लाख की सहायता राशि दी गई है। वहीं, शहरी क्षेत्र के मृतक के स्वजन को पारिवारिक लाभ योजना के तहत 30 हजार की धनराशि मिली है।

मजिस्ट्रेट जांच का इंतजार

सीएम योगी आदित्यनाथ ने शराब कांड के पुलिस-प्रशासन को आरोपितों के खिलाफ सख्ती से निपटने के निर्देश दिए थे। वहीं, आबकारी मंत्री ने माफिया के खिलाफ एनएसए के तहत कार्रवाई करने का दावा किया गया था। घटना को हुए पांच महीने से ज्यादा का समय बीत चुका है, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो सकी है। एनएसए की कार्रवाई भी अभी पाइपलाइन में हैं। जबकि, आरोपित लगातार जमानत के लिए प्रयासरत हैं। कई आरोपितों के याचिकाएं खारिज हो चुकी हैं। इसके अलावा मामले की मजिस्ट्रेटी जांच भी पूरी नहीं हो सकी है। जबकि, शासन से 15 दिन में जांच कर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए गए थे।

समझौते का दवाब

 शराब कांड में मृतक व्यक्ति के एक स्वजन का दावा है कि शराब माफिया के लोग पीड़ितों पर समझौते के लिए दवाब बना रहे हैं। वह पीड़ितों के स्वजन को समझौते के एवज में मोटी धनराशि देने का भी लालच दे रहे हैं। मुकदमा वापसी के लिए दवाब बनाया जा रहा है। ऐसे में पीड़ित स्वजन ने आरोपितों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की मांग की है। डीएम सेल्‍वा कुमारी जे का कहना है कि शराब माफिया के खिलाफ प्रशासन सख्त है। पुलिस स्तर से सभी माफिया के खिलाफ सख्ती से कार्रवाई चल रही है।


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