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हाथरस में हरियाली के सहारे सौहार्द की सीख दे रहा विद्यालय

सासनी ब्लॉक के पूर्व माध्यमिक विद्यालय तिलौठी ने प्रकृति प्रेम की अनूठी मिसाल पेश की है। यहां बेहतर पढ़ाई के साथ पर्यावरण संरक्षण के बहाने सौहार्द का पाठ भी पढ़ाया जाता है

By Mukesh ChaturvediEdited By: Published: Mon, 22 Apr 2019 12:48 PM (IST)Updated: Tue, 23 Apr 2019 10:21 AM (IST)
हाथरस में हरियाली के सहारे सौहार्द की सीख दे रहा विद्यालय
हाथरस में हरियाली के सहारे सौहार्द की सीख दे रहा विद्यालय

हाथरस (प्रमोद सिंह )। सासनी ब्लॉक के पूर्व माध्यमिक विद्यालय, तिलौठी ने प्रकृति प्रेम की अनूठी मिसाल पेश की है। यहां बेहतर पढ़ाई के साथ पर्यावरण संरक्षण के बहाने सौहार्द का पाठ भी पढ़ाया जाता है। बच्चों की मदद से विद्यालय में लगाए गए पौधों और घास के बीच 'ओम' और 'अल्लाह' की आकृति दूर से नजर आती है।

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बच्चे कर रहे देखभाल
इन दोनों आकृतियों को करीब आठ साल से विद्यालय के बच्चे संभाल रहे हैं। इससे पहले विद्यालय में हरियाली नहीं थी। कस्बे के ही महीपाल ङ्क्षसह ने 2011 में यहां तैनाती के साथ ही विद्यालय को हराभरा बनाने का संकल्प लिया। उन्होंने पहले तो बच्चों को पर्यावरण संरक्षण का महत्व समझाना शुरू किया, फिर पौधरोपण कराया। इस कार्य में अन्य शिक्षक भी शामिल हो गए। इतना ही नहीं नियमित कक्षाओं के बाद बच्चों को कुछ देर पर्यावरण और सद्भाव की सीख दी जाने लगी।  पिछले साल महीपाल रिटायर हो गए तो यह जिम्मेदारी विद्यालय के अन्य शिक्षकों ने संभाल ली।

शिक्षकों का सम्मान
सद्भाव व पर्यावरण संरक्षण के प्रयास के लिए महीपाल ङ्क्षसह व इनका सहयोग करने वाले अनिल कुमार का  2017 में तत्कालीन जिलाधिकारी अमित कुमार ने सम्मान किया था। आसपास के गांव के लोग तो विद्यालय को देखने आते हैं।

288 विद्यार्थियों का नामांकन
मिश्रित आबादी वाले गांव तिलौठी में करीब तीन हजार लोग रहते हैं। इनमें से करीब पांच सौ मुस्लिम समाज के लोग हैं। पूर्व माध्यमिक विद्यालय तिलौठी मेें वर्तमान में 288 विद्यार्थियों का नामांकन है। इनमें 92 विद्यार्थी मुस्लिम समुदाय के पढ़ते हैं। 

बच्चों के बोल

अच्छी लगती है हरियाली
कक्षा छह की छात्रा नंदिता का कहना है कि विद्यालय में पढ़ाई का काफी अच्छा माहौल है। पर्यावरण संरक्षण की सीख के अलावा आपस में मिल जुलकर रहने का ज्ञान शिक्षकों के द्वारा दिया जाता है। कक्षा सात के छात्र श्यामवीर का कहना है कि विद्यालय में आकर काफी अच्छा लगता है। चारों तरफ हरियाली ही हरियाली है। नियमित विद्यालय आकर मैं पढ़ाई करता हूं। 

प्रेम से रहने की मिलती है सीख
छात्रा मीरा देवी का कहना है कि पढ़ाई के मामले में अन्य विद्यालयों की अपेक्षा हमारे गांव का स्कूल काफी अच्छा है। यहां बच्चों को किताबी ज्ञान के अलावा एक साथ प्रेम के साथ रहने की सीख दी जाती है। प्रधानाध्यापिका प्रभारी शशि वर्मा का कहना है कि विद्यालय के शैक्षिक स्तर की प्रशंसा खुद अधिकारी यहां आकर करते हैंं। बच्चों के लिए प्रयोगशाला की भी व्यवस्था है।


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