वन विभाग में करोड़ों का घोटाला, लखनऊ से आई जांच टीम aligarh news
जिस हरियाली से धरा हराभरी करनी थी उसी के नाम पर करोड़ों का गोलमाल कर लिया गया है।
अलीगढ़ (जेएनएन)। जिस हरियाली से धरा हराभरी करनी थी, उसी के नाम पर करोड़ों का गोलमाल कर लिया गया है। यह हुआ है वन विभाग में पौधरोपण के नाम पर। इसमें डीएफओ समेत कई की संलिप्तता सामने आ रही है। इसकी जांच शुरू हो गई है।
गड्ढे खोदे, भराव नहीं किया
वन विभाग में हर वर्ष जुलाई में पौधरोपण की शुरुआत होती है। पहले गड्ढे की खोदाई आदि का कार्य चलता है। बताया जाता है कि वर्ष 2018 में गड्ढे नहीं खोदे गए। भराव भी नहीं किया गया। पौधे भी नहीं खरीदे गए। रखरखाव आदि कुछ भी नहीं हुआ और करोड़ों रुपये खर्च दिखाकर वन विभाग के अधिकारी ने रुपये ले लिए। फरवरी 2019 में भी इसी तरह का घोटाला किया गया।
चार कर्मचारी हुए थे निलंबित
शिकायत होने पर छह महीने पहले अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक आगरा जोन डॉ. अभय कुमार सिंह ने जांच की थी। उनकी जांच पर वन विभाग के चार कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया था। आरोप है कि एक वन रक्षक के खाते में ढाई करोड़ रुपये जमा करा दिए गए थे। सवाल उठता है कि एक व्यक्ति के खाते में ढाई करोड़ रुपये कैसे जमा हो सकते हैं? यह पूरा पैसा निकाला भी जा चुका है।
खैर में भी घोटाला
खैर में भी पौधरोपण में वर्ष 2018 में एक करोड़ से अधिक के घोटाले की बात सामने आई थी। इसमें भी गड्ढा खोदाई, खाद और पौध खरीदने के नाम पर शासन से पैसे ले लिए गए थे। वन विभाग के एक कर्मचारी के बेटे, पत्नी समेत सात लोगों के खाते में पैसा ट्रांसफर किया गया। एक कर्मचारी ने आठ लाख रुपये का चेक भी वन विभाग के अधिकारी को दिया।
दुबे जांच के लिए आए अलीगढ़
रविवार को मुख्य वन संरक्षक सुनील कुमार दुबे जांच के लिए अलीगढ़ आए थे। बताया जाता है कि सारे मामले की जांच करके वो लखनऊ चले गए। जल्द ही वन विभाग के जिले के बड़े अधिकारी पर कार्रवाई हो सकती है। चर्चा है कि डीएफओ ने यहां से सामान समेट कर जा चुके हैं। डीएफओ श्रीधर त्रिपाठी का कहना है कि हर वर्ष वार्षिक ऑडिट होता है। उसी में अधिकारी जांच के लिए आए थे। जुलाई में गड्ढे आदि की खोदाई होती है, उसकी जानकारी लेकर जाते हैं। विभाग में घोटाले के जो आरोप लग रहे हैं, वे गलत हैं। फिलहाल मैं मेडिकल लीव पर हूं।
लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप