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टीबी मरीजों की पोषण राशि में लाखों का घपला, कई खातों में बार-बार भुगतान Aligarh News

टीबी के मरीजों को सरकार की ओर से इलाज के दौरान 500 रुपये प्रतिमाह पोषण राशि देने का प्रावधान है जिसे हड़पने के लिए कुछ मरीजों ने कई-कई जिलों में पंजीकरण करा लिया है।

By Sandeep SaxenaEdited By: Published: Wed, 28 Aug 2019 08:42 AM (IST)Updated: Wed, 28 Aug 2019 01:30 PM (IST)
टीबी मरीजों की पोषण राशि में लाखों का घपला, कई खातों में बार-बार भुगतान Aligarh News
टीबी मरीजों की पोषण राशि में लाखों का घपला, कई खातों में बार-बार भुगतान Aligarh News

अलीगढ़ (जेएनएन)। टीबी के मरीजों को सरकार की ओर से इलाज के दौरान 500 रुपये प्रतिमाह पोषण राशि देने का प्रावधान है, जिसे हड़पने के लिए कुछ मरीजों ने कई-कई जिलों में पंजीकरण करा लिया है। प्रदेश स्तर पर इनके खातों की जांच शुरू हुई तो अलीगढ़ समेत आसपास के कई जिलों में लाखों रुपये का फर्जीवाड़ा उजागर हुआ है। आशंका ये भी है कि कहीं निजी चिकित्सक ही तो मरीज बनकर रुपये नहीं निकाल रहे। यहां भी जांच शुरू कर दी गई है।

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ये है योजना
टीबी का इलाज कराने के दौरान उचित आहार न मिलने पर तमाम मरीज शारीरिक रूप से कमजोर हो जाते हैं। ऐसे में केंद्र सरकार की ओर से पुनरीक्षित राष्ट्रीय क्षय रोग नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत टीबी रोगियों को अप्रैल 2018 से पोषण के लिए हर माह 500 रुपये दिए जा रहे हैं। यह राशि निक्षय सॉफ्टवेयर के जरिए सीधे मरीजों के खातों में भेजने की व्यवस्था है। पहले आधार कार्ड अनिवार्य था, मगर अब खानाबदोश व दूसरे मरीजों पर आधार न होने से अनिवार्यता समाप्त कर दी है।

21 मरीज संदिग्ध
निक्षय पोर्टल पर जांच के दौरान अलीगढ़, एटा, कासगंज, फीरोजाबाद, इटावा आदि जिलों में कुछ खातों में असामान्य रूप से धनराशि पहुंची है। अलीगढ़ में ऐसे 21 पंजीकृत मरीज सामने आए हैं। दो खातों में तो 1.65-1.68 लाख रुपये तक पहुंच चुके हैं। विशा गुप्ता के खाते में 35 हजार व कुलदीप राजपूत के खाते में 67 हजार रुपये पहुंचे। ये सभी मरीज निजी डॉक्टरों के यहां इलाज कराने वाले हैं। इन जिलों में 15 लाख रुपये से ज्यादा का घपला सामने आ रहा है।

विभागीय लापरवाही
प्राइवेट अस्पतालों में आए टीबी मरीजों का यहां पीपीएम कॉर्डिनेटर के माध्यम से सत्यापन होता है। सत्यापन के बाद एसटीएस निक्षय पोर्टल पर उनका नाम व खाता संख्या की प्रविष्ट करते हैं। बाद में जिला क्षय रोग केंद्र के एकाउंटेंट दर्ज बैंक खातों में धनराशि भेज देते हैं। इस प्रक्रिया में हर स्तर लापरवाही बरती गई। न तो सत्यापन में मरीज पकड़े गए और एसटीएस ही देख पाए। एकाउंटेंट ने भी एक ही खाते में बार-बार हो रहे भुगतान पर नोटिस नहीं किया। बहरहाल, जिला क्षय रोग अधिकारी ने मामले की जांच शुरू कर दी है।

जांच के बाद होगी रिकवरी
जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ.अनुपम भास्कर का कहना है कि कई जिलों में यह गड़बड़ी सामने आई है। एक ही मरीज द्वारा कई-कई जिलों से धनराशि ली जा रही है। ऐसे खाते चिह्नित किए जा रहे हैं। जांच के बाद ही रिकवरी व अन्य कानूनी कार्रवाई होगी।


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