संस्कारशाला: अखंडता का जाना महत्व टोली एकजुटता की शपथ Aligarh News
प्रधानाचार्य ने बताया जाति धर्म समुदाय क्षेत्र राज्य किसी भी तरह से सभी इंसानों को आपसी भाईचारे और सौहार्द के साथ एकजुटता से रहना चाहिए। क्योंकि जिस दिन सभी लोग क्षेत्र व राज्यों की सीमाओं में बंट जाएंगे तो वह संपूर्ण भारत नहीं कहलाएगा।
अलीगढ़़, जागरण संवाददाता। अग्रसेन इंटर कॉलेज हरदुआगंज में विद्यार्थियों ने विश्व की अखंडता के महत्व को जाना और एकजुटता की शपथ ली। कालेज में प्रधानाचार्य डा. शंभूदयाल रावत ने दैनिक जागरण संस्कारशाला में ''हम एक तो देश मजबूत'' शीर्षक से प्रकाशित लेख को विद्यार्थियों को पढ़कर सुनाया। विद्यार्थियों को एकजुटता के महत्व को समझाया। साथ ही विश्व की अखंडता के बारे में जानकारी देते हुए एकजुटता की शपथ भी दिलाई।
सौहार्द के साथ एकजुटता से रहना जरूरी
प्रधानाचार्य ने बताया जाति, धर्म, समुदाय, क्षेत्र, राज्य किसी भी तरह से सभी इंसानों को आपसी भाईचारे और सौहार्द के साथ एकजुटता से रहना चाहिए। क्योंकि जिस दिन सभी लोग क्षेत्र व राज्यों की सीमाओं में बंट जाएंगे तो वह संपूर्ण भारत नहीं कहलाएगा। इस संबंध में उन्होंने कबड्डी के खेल के जरिए विश्व की अखंडता के बारे में बताया। विद्यार्थियों को बताया कि नारियल की सीकों से बनी झाड़ू की एक सीक को आसानी से तोड़ा जा सकता है लेकिन, एक होकर अगर यही सभी सीकें एकजुट हो जाती हैं और झाड़ू बन जाती हैं तो उसे कोई तोड़ नहीं सकता। इसलिए अगर हम यह कहेंगे कि हम पहले किसी प्रदेश से हैं बाद में भारतीय हैं तो यह देश की अखंडता के लिए अच्छा विचार नहीं होगा। हम किसी भी प्रदेश के हो पहले हम भारतीय हैं तभी हम एक होकर रह सकते हैं।
छूटे हुए काम को पूरा करना जरूरी
संस्कारशाला का लेख सुनने के बाद विद्यार्थियों ने प्रधानाचार्य से कई सवाल भी पूछे। जिसके जवाब प्रधानाचार्य ने विद्यार्थियों को दिए। उदाहरण देकर समझाया कि अगर कालेज में आपका कोई सहपाठी किन्हीं विषम परिस्थितियों के कारण विद्यालय नहीं आ पा रहा है तो उसका पढ़ाई का काम छूट जाता है। ऐसे में जब वह विद्यालय आए तो सभी को एकजुट होकर उसके छूटे हुए काम को पहले पूरा कराने के बारे में सोचना चाहिए न कि उसका काम अधूरा होने के चलते उसको हंसी का पात्र बनाना चाहिए।