संजली हत्याकांड : एएमयू में छात्रों ने लगाए आरएसएस बर्बादी के नारे
आरएसएस हो बर्बाद इंशा अल्लाह इंशा अल्लाह, मोदी तेरे शासन में गुंडे नाचे आंगन में, एकता का राज चलेगा दलित-मुस्लिम साथ चलेगा।
अलीगढ़ (जेएनएन)। आरएसएस हो बर्बाद इंशा अल्लाह इंशा अल्लाह, मोदी तेरे शासन में गुंडे नाचे आंगन में, एकता का राज चलेगा दलित-मुस्लिम साथ चलेगा। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में रविवार शाम ऐसे ही नारे गूंजे। आगरा में हुए संजली हत्याकांड के विरोध में छात्रों ने कैंपस में मार्च निकालकर विरोध जताया। मोदी व योगी सरकार मुर्दाबाद के नारे भी लगाए। जमालपुर में भी पार्षद व इलाके के लोगों ने मार्च निकाला।
मौलाना आजाद लाइब्रेरी से निकाला मार्च
एएमयू छात्रों ने मौलाना आजाद लाइब्रेरी से बॉबे सैयद तक मार्च निकाला। मार्च में शामिल छात्र हाथों में छात्र पोस्टर भी लिए हुए थे। जिन पर 'बेटी से ज्यादा गाय सुरक्षित, दलितों पर हमले बंद हों' जैसे नारे लिखे हुए थे। छात्रों ने 'बेटी जलाओ गाय बचाओ' का नया नारा भी दिया। बॉबे सैयद पर पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष फैजुल हसन ने कहा कि संजलि की हत्या से पूरा गांव भयभीत है। गांव वाले बेटियों को पढऩे के लिए नहीं भेज रहे हैैं। पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष मशकूर अहमद उस्मानी ने कहा कि संजली की पहचान छुपाने की कोशिश की जा रही है।
अनुसूचित जाति के लोग असुरक्षित
आजादी के 70 साल बाद भी अनुसूचित जाति के लोग सुरक्षित नहीं हैं। जामिया मिल्लिया इस्लामिया में छात्रा को इसलिए नेट की परीक्षा देने से रोक दिया गया कि वह हिजाब में थी। छात्र नेता अहमद मुजतबा फराज ने कहा कि सरकार में अनुसूचित जाति व मुस्लिमों के लिए कोई संवेदना नहीं है। छात्राओं की अगुवाई वीमेंस कॉलेज की छात्रासंघ अध्यक्ष आफरीन फातिमा ने की। इस मौके पर छात्रसंघ उपाध्यक्ष हम्जा सूफियान, कैबिनेट मेंबर नवेद, मेमूना अंसारी, शमीम बारी, फैसल नदीम, निशांत भारद्वाज, अहमद मुस्तफा फराज आदि मौजूद रहे।
संजली को जिंदा जलाने की निंदा
जमालपुर में लोगों ने कैंडल मार्च निकाला। सभी ने संजलि को जिंदा जलाने की घटना की निंदा की। कहा, अपराधी बेखौफ हो गए हैं। भाजपा के नारे 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' की इससे ज्यादा दुर्गति और क्या हो सकती है? इस मौके पर पार्षद सद्दाम हुसैन, शाकिर मलिक, शादाब खान, पप्पू अल्वी, फिरोज खान आदि मौजूद रहे।
विद्यार्थियों का काम नारेबाजी नहीं
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विभाग कार्यवाह ललित कुमार का कहना है कि विद्यार्थी शिक्षा प्राप्त करने के लिए आए हैं, इसलिए सिर्फ पढ़ाई करें। यदि राजनीति करनी हैं तो पढ़ाई छोड़कर मैदान में उतर आएं। यदि गलत मानसिकता का प्रयोग करना है तो एएमयू में कतई न पढ़ें। विद्यार्थियों काम नारेबाजी नहीं है। पुलिस-प्रशासन को इन छात्रों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।