आगरा की घटना पर अलीगढ़ में भड़के सफाई कर्मचारी नेता
पुलिस कर्मियों की बर्खास्तगी और पीड़ित परिवार के लिए मांगा मुआवजा।
जासं, अलीगढ़ : आगरा में सफाई कर्मी की मौत पर स्थानीय निकाय सफाई मजदूर संघ के पदाधिकारियों ने गुरुवार को आक्रोश व्यक्त कर वहां की पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की। जवाहर भवन में पुलिस कर्मियों की बर्खास्तगी और पीड़ित परिवार को मुआवजे की मांग कर मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन एसीएम बी अंजुम को दिया है।
मजदूर संघ के प्रांतीय अध्यक्ष मानिक लाल नागर ने कहा कि सफाई कर्मी अरुण की थाने में पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। इससे वाल्मीकि समाज में आक्रोश है। प्रांतीय महामंत्री बिल्लू चौहान ने कहा कि जगदीशपुरा थाने में तैनात सभी पुलिसकर्मियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर बर्खास्त किया जाना चाहिए। घटना के विरोध में पूरे प्रदेश में धरना-प्रदर्शन किया जाएगा। इसके बाद भी सरकार ने सुनवाई नहीं की तो प्रदेश भर की सफाई व्यवस्था को ठप कर दिया जाएगा। इसके बाद भी सुनवाई नहीं होती है तो सड़कों पर उतरकर बड़ा आंदोलन किया जाएगा। इसके लिए शासान-प्रशासन जिम्मेदार होगा। उन्होंने कहा कि दलितों पर अत्याचार की घटनाएं बहुत बढ़ गई हैं। कभी भी कोई दलितों के साथ मारपीट कर देता है। हत्या कर देता है। पुलिस प्रशासन के ढीलेपन के कारण ये मामले बढ़ रहे हैं। आगरा में तो अनुसूचित जाति के सफाई कर्मचारी को पुलिस वालों ने ही पीट-पीट कर मार डाला है। जब पुलिस ऐसे कृत्य कर रही है तो किस पर भरोसा किया जाए। सरकार को ऐसे पुलिसकर्मियों पर सख्त से सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। प्रांतीय उपाध्यक्ष आनंद शास्त्री, पूर्व अध्यक्ष बबलू कमल, पूर्व महामंत्री सुनील टुंडा ने भी घटना का विरोध करते हुए सख्त कार्रवाई की मांग की है। कर्मचारी नेता लालाराम नंद, महेंद्र राठौर ने प्रकरण में सीबीआइ जांच और पीड़ित परिवार को 50 लाख रुपये मुआवजा देने की मांग की। ज्ञापन देने वालों में सतीश, विशाल उज्जैनवाल, रुपेश चौहान, अमर रागी, देवानंद वाल्मीकि, शिवम धूरी, सुनील वाल्मीकि, कुलदीप आदि थे।