दिल्ली के विकास की पूर्व राष्ट्रपति की पत्नी सलमा अंसारी ने बदली जिंदगी
दिल्ली का नेत्रहीन विकास अब इंसानों की तरह कुर्सी पर बैठकर खाना खाता है। बच्चों के साथ पढ़ाई कर कराटे भी सीख रहा है।
संतोष शर्मा, अलीगढ़ । दिल्ली का नेत्रहीन विकास अब इंसानों की तरह कुर्सी पर बैठकर खाना खाता है। बच्चों के साथ पढ़ाई कर कराटे भी सीख रहा है। पंच भी दमदार लगाता है। पहले वह कुत्तों के साथ खेलता था। उनके साथ जो खाने को मिल गया, वही भोजन होता था। उसकी जिंदगी में यह बदलाव पूर्व उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी की पत्नी सलमा अंसारी की वजह से आया। उन्होंने विकास का अलीगढ़ में संचालित अपने मदरसा चाचा नेहरू में में दाखिल कराया।
पंक्चर जोडने का करते हैं पिता काम
नौ वर्षीय विकास की मां ललिता व पिता बैजनाथ दिल्ली के समेपुर बादल में संजय गांधी ट्रांसपोर्ट रैन बसेरा के सामने झुग्गी-झोंपड़ी में रहते हैं। मां घरों में मजदूरी करती है, पिता पंक्चर जोडऩे की दुकान पर काम करते हैं। मदरसा चाचा नेहरू के प्रवक्ता राशिद के अनुसार विकास से कोई बात करने वाला नहीं होता था तो वह मुहल्ले के कुत्तों के ही साथ घुल-मिल गया था। कुत्ते भी उससे कुछ नहीं कहते थे। कुत्तों के बीच जो खाना उसे मिल जाता था, उसे ही खा लेता था। कुत्तों की तरह आवाज निकालता था।
जीवन में आया मोड़
सलमान अंसारी के पास बच्चे की हालत की जानकारी पहुंची तो वे उसके घर पहुंची। एक माह पहले मां-बाप को विश्वास में लेकर वे विकास को अलीगढ़ ले आईं। स्कूल के हॉस्टल में वह एकमात्र नेत्रहीन बच्चा है। उसकी देखरेख हॉस्टल के स्टाफ के साथ छात्र भी करते हैं। उसका पड़ोसी महानंद भी यहीं रहकर पढ़ाई कर रहा है। कक्षा चार का छात्र है।
पढ़ाई के साथ खेल भी
विकास अब नए सत्र से एएमयू के अहमदी विज्युअली चैलेंज्ड स्कूल में पढ़ेगा। पढ़ाई की जिम्मेदारी सलमा अंसारी उठाएंगी। उससे पहले हॉस्टल में ही उसके पढ़ाने की व्यवस्था हुई। ब्रेल में एबीसीडी भी सीख गया है। स्कूल के खेल कोच अजीत उसे जूडो कराटे सिखा रहे हैं। काफी कुछ सीख गया है। अजीत के अनुसार विकास को दो माह बाद होने वाली स्टेट चैंपियनशिप के लिए तैयार किया जा रहा है।
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