खेल के जरिए नौकरी पाने का 'खेल' रोकेगा सेफ्टी कोड, पकड़े गए थे अलीगढ़ के तीन एथलीट
स्कैन सर्टिफिकेट का खेल रोकने के लिए सेफ्टी कोड आ गया है। यूपी एथलेटिक्स एसोसिएशन ने इसे अलीगढ़ समेत पूरे प्रदेश में एक मार्च से लागू करेगी।
अलीगढ़ (गौरव दुबे)। स्कैन सर्टिफिकेट का 'खेल' रोकने के लिए सेफ्टी कोड आ गया है। यूपी एथलेटिक्स एसोसिएशन ने इसे अलीगढ़ समेत पूरे प्रदेश में एक मार्च से लागू करेगी। एथलीट की ओर से स्कैन सर्टिफिकेट लगाकर नेशनल इवेंट में खेलने व नौकरी पाने के खेल में इससे लगाम लगेगी। यूपी एथलेटिक्स एसोसिएशन की ओर से जारी प्रमाणपत्र पर सेफ्टी कोड अंकित होकर आएगा। स्कैन किए गए प्रमाणपत्र पर यह कोड काम नहीं करेगा व फर्जीवाड़ा पकड़ा जाएगा।
प्रदेश भर के फंस चुके हैं खिलाड़ी
स्कैन सर्टिफिकेट लगाकर आर्मी या अन्य क्षेत्र में खेल कोटे से नौकरी पाने व नेशनल इवेंट में खेलने की अनुमति पाने के प्रकरण में अलीगढ़ से ही (800 मीटर दौड़) के खिलाड़ी विशाल बालियान, गौरव कुमार (400 मीटर दौड़) व प्रशांत (800 मीटर दौड़) का नाम आ चुका है। प्रदेशभर से भी तमाम खिलाड़ी फंस चुके हैं। इस पर लगाम लगाने के लिए सेफ्टी कोड की व्यवस्था की गई है। यूपी एथलेटिक्स एसोसिएशन की मंशा है कि फर्जी खेल प्रमाणपत्रों के जरिए नौकरी लोग न पा सकें।
सर्टीफिकेट की बढ़ेगी लागत
यूपी एथलेटिक्स एसोसिएशन के संयुक्त सचिव शमशाद निसार आजमी ने बताया कि दो दिन पहले लखनऊ में हुई एसोसिएशन की जनरल बॉडी की मीटिंग में यह फैसला किया गया है। इस व्यवस्था से सर्टिफिकेट की लागत थोड़ी बढ़ जाएगी। इसका खर्च यूपी एसोसिएशन वहन करेगी। कानपुर की छत्रपति साहूजी महाराज यूनिवर्सिटी के फिजिकल एजुकेशन डिपार्टमेंट में निदेशक प्रो. आरपी सिंह को तकनीकी मदद के लिए अधिकृत किया गया है।
पंजीकरण के साथ सेफ्टी कोड जरूरी
उत्तर प्रदेश एथलेटिक्स संघ के सचिव पीके श्रीवास्तव ने बताया कि स्कैनिंग का खेल सिरदर्द बन गया था। ऑनलाइन पंजीकरण के साथ ही सेफ्टी कोड की व्यवस्था की गई है। यूपी एथलेटिक्स एसोसिएशन से जारी प्रमाणपत्र पर यह कोड मुद्रित रहेगा।
अहम बातें
- प्रदेशभर में अगली चैंपियनशिप से लागू होगी व्यवस्था
- 3 एथलीट अलीगढ़ के पकड़े जा चुके हैैं स्कैनिंग में
- यूपी एथलेटिक्स संघ की बैठक में लगी मोहर
- सर्टिफिकेट पर ही छपेगा सेफ्टी कोड, स्कैनिंग की होगी पकड़
- फर्जी प्रमाण पत्रों पर लगेगा अंकुश