व्यापारी और अधिकारियों में चल रहा तू डाल-डाल तो मैं पात-पात का खेल Aligarh News
वाणिज्यकर चोरी रुक नहीं पा रही है। हालात यह हैं कि व्यापारी और वाणिज्यकर विभाग के अधिकारियों के बीच तू डाल-डाल तो मैं पात का खेल चल रहा है।
अलीगढ़ (जेएनएन)। वाणिज्यकर चोरी रोकने के लिए अधिकारी लाख प्रयास करें, लेकिन वाणिज्यकर चोरी रुक नहीं पा रही है। हालात यह हैं कि व्यापारी और वाणिज्यकर विभाग के अधिकारियों के बीच तू डाल-डाल तो मैं पात का खेल चल रहा है। बगैर ई-वे बिल के खुले आम दिल्ली से हामिदपुर चैक पोस्ट के जरिए ट्रकों में माल आ रहा है।
ऐसे हो रही कर चोरी
वाणिज्यकर चोरी को लेकर व्यापारी और वाणिज्यकर विभाग के अधिकारियों के बीच तू डाल-डाल तो मैं पात का खेल चल रहा है। बगैर ई-वे बिल के खुले आम दिल्ली से हामिदपुर चैक पोस्ट के जरिए ट्रकों में माल आ रहा है। आगरा रोड, देहली गेट आदि कई ऐसे इलाके हैं जहां डीसीएम बंद मेटाडोर व ट्रकों में दिल्ली से बगैर ई-वे बिल के माल आता है। अहम बात यह है कि ट्रक सीधे गोदाम में खाली होते हैं। इसकी जानकारी अधिकारियों को भी है, लेकिन सब कुछ मिली भगत से होता है।
व्यापारी लगा रहे आरोप
व्यापारी-उद्यमियों के लिए जीएसटी जटिल प्रक्रिया साबित हो रही है। व्यापारियों का आरोप है कि ई-वे बिल जनरेट के दौरान अगर वाहन के नंबर का मिसमैच होता है तो चूक करने वाले ताला-हार्डवेयर व आर्टवेयर वालों की गाडिय़ां रोकी जा रही हैं। जांच के लिए माल जब्त किया जा रहा है। व्यापारियों से जुर्माना वसूला जा रहा है।
मानवीय भूल की कीमत
विशेषज्ञों की मानें तो मिस मैच वाले मामलों को मानवीय भूल दर्शाकर न तो वाहन रोका जा सकता है, न ही जुर्माना वसूल सकते हैं। दूसरी सबसे बड़ी समस्या ये है कि रिटर्न दाखिल के दौरान मानवीय भूल होने पर व्यापारियों को बड़ी कीमत चुकानी पड़ रही है। ऐसे सैकड़ों व्यापारियों को रिफंड नहीं मिल रहा है।
अघोषित माल ही होता है जब्त
ज्वाइंट कमिश्नर एचपी राव दीक्षित का कहना है कि वाहन नंबर के मिस मैच होने की दिशा में न तो माल जब्त कर सकते हैं, न ही वाहन रोक सकते है। कर चोरी के पुख्ता सबूत या अघोषित माल की दिशा में ही गाड़ी व माल को जब्त कर सकते हैं।
माल कई दिन तक रोका
साइकिल लॉक निर्माता के हरिओम अग्रवाल का कहना है कि ई- वे बिल में जीएसटी की एक डिजिट गलत होने पर माल को कई दिन रोका गया। जुर्माना भी वसूला, जबकि यह मानवीय भूल थी। कारोबारी सतीश माहेश्वरी का कहना है कि जीएसटी काउंसिल ने मानवीय भूल होने पर माल न रोकने की गाइड लाइन जारी की हैं। अफसरों की मनमानी चरम पर है। वित्तमंत्री से शिकायत करेंगे।