एग्रो मीट फैक्ट्री में हो रहा था नियमों का कत्ल, क्या कर रहे थे जिम्मेदार अफसर
हिंद एग्रो मीट फैक्ट्री में नियमों के विरुद्ध पशुओ को काटा जा रहा था। हालांकि शासन के निर्देश पर हर मीट फैक्ट्री में पशु पालन विभाग के एक चिकित्सक की तैनाती की गयी है फिर भी इन चिकित्सकों को इस बारे में कोई जानकारी न होना संशय पैदा करता है।
अलीगढ़, जागरण संवाददाता। हिंद एग्रो मीट फैक्ट्री में नियमों का कत्ल हो रहा था। लाइसेंस मशीनों से कटान का था, लेकिन हाथों से पशु काटे जा रहे थे। सबसे बड़ा सवाल यह है कि नियमों के खिलाफ कटान किसके इशारे पर हो रहा था? पुलिस-प्रशासन ने भले ही कार्रवाई की है, लेकिन इस खेल के पीछे के चेहरे सामने नहीं आए हैं। इतने बड़ी अनियमितताओं के लिए क्या पशुपालन, पुलिस व प्रदूषण विभाग का कोई अफसर जिम्मेदार नहीं है।
शासन के निर्देश पर तो हर मीट फैक्ट्री में पशुपालन विभाग के एक चिकित्सक की तैनाती की गई है। विभाग की तरफ से नियुक्त चिकित्सक को इस खेल के बारे में जानकारी नहीं थी। प्रदूषण को लेकर फैक्ट्री में नियमों का उल्लंघन हो रहा था तो जिम्मेदार अफसर क्या कर रहे थे। इतने बड़े पैमाने पर इस अवैध खेल की क्षेत्रीय पुलिस को कोई भनक नहीं थी।
2019 में भी ठोकी गई थी सील
हिंद एग्रो के खिलाफ यह कोई पहली कार्रवाई नहीं है। इससे पहले 2019 में तत्कालीन एसडीएम कोल जोगेंद्र सिंह के नेतृत्व में भी पुलिस-प्रशासन ने कार्रवाई की थी। इसमें इस फैक्ट्री को प्रदूषण फैलाने के लिए दोषी माना गया था। इससे पहले यह इस मीट फैक्ट्री में आग लगने की घटना भी हो चुकी है। यह जिले की पहली मीट फैक्ट्री है। अफसरों का दावा है कि यहां से फिलहाल स्थानीय स्तर पर ही मीट की आपूर्ति की जा रही थी।
2026 तक है सशर्त खोलने की अनुमति
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से 2026 तक इस फैक्ट्री को सशर्त खोलने की अनुमति है, लेकिन कंपनी में नियमों का उल्लंघन किया जा रहा है। शनिवार की जांच में भी फैक्ट्री में ईटीपी संचालित नहीं मिला। अब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अफसर फैक्ट्री के खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति रिपोर्ट शासन में भेज रहे हैं।
ये थे टीम में
कार्रवाई एसडीएम कोल संजीव ओझा के नेतृत्व में की गई। टीम में सीओ तृतीय स्वेताभ पांडेय, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डा. चंद्रवीर सिंह, क्षेत्रीय अधिकारी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड डा. जेपी सिंह थे। कार्रवाई के समय चिकित्साधिकारी डा पंकज चौधरी, पशु चिकित्साधिकारी डा. कुशल पाल गौतम, थाना प्रभारी निरीक्षक जितेंद्र सिंह समेत अन्य मौजूद रहे।
फैक्ट्री के मालिक व जीएम सहित 40 के खिलाफ मामला दर्ज
इस मामले में जवां थाने में पशुपालन विभाग, एफएसडीए व प्रदूषण नियंत्रण विभाग के अफसरों की संयुक्त तहरीर पर ङ्क्षहदू एग्र्रो मीट फैक्ट्री के मालिक समर कुरैशी, प्रोडक्शन हेड अब्दुल रउफ, जनरल मैनेजर आबिद कदीर तथा गिरफ्तार किए गए 37 लोगों के खिलाफ पशु क्रूरता अधिनियम, प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण अधिनियम, व खाद्य सुरक्षा अधिनियम में रिपोर्ट दर्ज की गई है।
ये किए गए गिरफ्तार
जवां। नियमों के खिलाफ कटान के आरोप में गिरफ्तार किए गए लोगों में जुबेर, सुहेल, बिलाल, सुहेल निवासी सराय रहमान, मिराज निवासी शमशाद मार्केट, राहत निवासी चाबी वाली गली सराय, पप्पू खां निवासी अतरौली, जावेद तंदूर वाली गली क्वार्सी, मो. कलीम कुरैशी सराय रहमान, शादाब जंगल गढ़ी देहली गेट, मोहम्मद वकील जंगलगढ़ी बाइपास, सलमान फिरदौसनगर, अलीम अब्बासी नई बस्ती, खालिद क्वार्सी, नवी उर्फ नविया क्वार्सी, मो. छोटे, मो. कफील व अफसर सराय मियां देहली गेट, हसीन कस्बा अतरौली, वसीम देहली गेट, रहीश भुजपुरा सासनी गेट, सलमान खां निवासी मंजूरगढ़ी, सानू जंगल गढ़ी, रिजवान निवासी अतरौली, असरफ अली अतरौली, आसिफ अतरौली, सरफराज जमालपुर, इमरान अतरौली, आलिम क्वार्सी, फैसल देहली गेट, मोहम्मद तौफीक देहली गेट, इस्तयाक अहमद निवासी पुंज जम्मू कश्मीर, फैजान छतारी, अनस छतारी, इरफान, आसिफ छतारी तथा दिलशाद राजपूत निवासी शिकारपुर, बुलंदशहर को गिरफ्तार किया है।
पूर्व मेयर ने की थी प्रशासन से शिकायत
पूर्व मेयर शकुंतला भारती ने बताया कि नियमों के खिलाफ कटान की जानकारी कई दिन पहले हो गई थी। पंद्रह दिनों से नजर रखी रही थी। डीएम, एसएसपी, एसपी सिटी, एडीएम सिटी सहित अन्य अफसरों को इसकी जानकारी दी थी। बताया गया था कि इस फैक्ट्री में सुबह पांच बजे नियमों के खिलाफ कटान होता है। इसके बाद प्रशासन ने शनिवार को यह कार्रवाई की है। यह बड़ा मामला है। प्रदूषण और पशुपालन विभाग को इसकी जानकारी थी, फिर भी कार्रवाई नहीं की। इसकी जांच कराकर कार्रवाई की जाए।
हिंद एग्रो पर बिजली विभाग का तीन करोड़ से अधिक बकाया
हिंद एग्रो पर बिजली विभाग का तीन करोड़ रुपये से अधिक बकाया है। आरसी जारी कर कंपनी को डिफाल्टर घोषित कर स्थायी रूप से कनेक्शन काट दिया गया था। विद्युत वितरण खंड ग्रामीण तृतीय के क्षेत्र में स्थित मीट फैक्ट्री को कनेक्शन देने के लिए विभाग नेअलग से फीडर स्थापित किया था। जहां से सिर्फ इसी कंपनी को बिजली दी गई थी। उस समय कंपनी का 25-35 लाख रुपये का बिल आता था। 2017-18 में कंपनी पर तीन करोड़ से अधिक करोड़ रुपये बकाया हो गया था। 2019 में कंपनी का कनेक्शन काट दिया गया था। अवर अभियंता रवि कुमार ने बताया कि कंपनी पर करोड़ों रुपये बकाया चल रहा है। बकाया होने पर बिजली का कनेक्शन काटने पर कंपनी ने यह कहते हुए वाद दायर किया था कि उनका कनेक्शन काटने से नुकसान हुआ है।