हाथरस में यात्रियों की भीड़ से रोडवेज के इंतजाम फेल, परेशान रहे यात्री
भैया दूज के दूसरे दिन मंगलवार को बहनों की घर वापसी की भीड़ से रोडवेज की व्यवस्था चरमरा गई। अलीगढ़ और आगरा के लिए बेशुमार सवारियों थीं लेकिन बस स्टैंड पर बसें नहीं थी। जो बसें थी उनमें खिड़कियों से धक्के खाकर चढ़ना पड़ा।
हाथरस, जेएनएन। भैया दूज के दूसरे दिन मंगलवार को बहनों की घर वापसी की भीड़ से रोडवेज की व्यवस्था चरमरा गई। अलीगढ़ और आगरा के लिए बेशुमार सवारियों थीं, लेकिन बस स्टैंड पर बसें नहीं थी। जो बसें थी उनमें खिड़कियों से धक्के खाकर चढ़ना पड़ा। इस दौरान यात्रियों में नोकझोंक भी हुई। कम बसें होने के कारण मालवाहक वाहनों तक से सफर करना पड़ा। डग्गेमार वाहनों ने भी मनमाना किराया वसूलकर फायदा उठाया।
ऐसे रहे रोडवेज के इंतजाम
हाथरस डिपो में 85 बसें हैं। यहां से अलीगढ़ और आगरा के रूटों पर बसों की अधिक मांग रही। जगह न मिलने पर डग्गेमार वाहनों से जाना पड़ा। बस स्टैंड के पास से ईको व अन्य वाहन संचालकों ने सवारी ढोई। उन्होंने आगरा के सौ रुपये और अलीगढ़ के पचास रुपये तक लिए। नगला भुस और रुहेरी बाइपास तक जाना पड़ा। वहीं मथुरा जाने के लिए हाथरस से जाने वाली बसों की संख्या कम थी। तालाब चौराहा के पास डग्गेमार वाहनों ने सिकंदराराऊ और मथुरा की ओर जाने वाली सवारियां जमकर ढोईं।
इस वजह से रही भीड़
सोमवार को भैया दूज का पर्व मनाया गया। ऐसे में बहनें अपने भाइयों के यहां पर गई। आज तीज थी। ऐसे में लोगों का वापसी हुई, क्योंकि बुधवार को चौथ है। सरकारी कर्मचारियों को अपने कार्यालय तो बच्चों के स्कूल भी खुल गए। बेशक बच्चों की पढ़ाई आॅनलाइन चल रही है, लेकिन उन्हें पढ़ाई की चिंता रही। ऐसे में लोग अपने अपने घरों की ओर प्रस्थान करते हुए नजर आए।पैसेंजर ट्रेन बंद होने से भी बढ़ी दिक्कतेंलॉकडाउन के कारण बंद चल रही पैसेंजर ट्रेनों की वजह से भीड़ बसों व अन्य वाहनों का सहारा ले रही है। त्योहार पर ट्रेनों से जाने वाले हजारों लोग जब सड़क पर आए तो व्यवस्था चरमरा गई।
पंत चौराहे पर जाम के हालात रहे
सिकंदराराऊ : पंत चौराहे पर जाम के हालात बने रहे। पुलिस को जाम खुलवाने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। दिनभर वाहनों की लंबी कतारें हाथरस, अलीगढ़, एटा, कासगंज सभी मार्गों पर लगी रहीं। यात्रियों को वाहनों के इंतजार में घंटों खड़े रहना पड़ा। रोडवेज बसें पहले से ही फुल होने के कारण यहां नहीं रुकी और सीधे ही निकलती रहीं। इससे लोगों को परेशानी झेलनी पड़ी।