Hathras News: कार्रवाई के चक्रव्यहू में फंसा राइस मिल का मालिक, जांच टीम से की अभद्रता
Ashtalakshmi Agrotech Pvt Ltd जांच के दौरान मिल मालिक ने टीम के साथ अभद्रता की मगर पुलिस के हड़काने पर खामोश हो सका। जांच इस बात की भी की जा रही है कि हरियाणा से आखिर सरकारी चावल यहां कैसे आ गया।
हाथरस, जागरण संवाददाता। सासनी के गांव बरसै पर स्थित राइस मिल अष्टलक्ष्मी एग्रोटेक प्राइवेट लिमिटेड पर छापेमारी के बाद जांच पड़ताल शुरू हो गई है। देर रात तक छापेमारी के बाद मिल को सील कर दिया गया है। राइस मिल का सालाना 115 करोड़ का टर्नओवर है और 300 कर्मचारियों का स्टाफ मिल में नौकरी करता है। दूसरी ओर जांच टीम की ओर से Rice Mill का मालिक पर कार्रवाई का शिकंजा कसता जा रहा है।
जांच टीम से अभद्रता का आरोप
आरोप है कि जांच के दौरान Ashtalakshmi Agrotech Pvt Ltd के मिल मालिक ने टीम के साथ अभद्रता की, मगर पुलिस के हड़काने पर खामोश हो सका। जांच इस बात की भी की जा रही है कि हरियाणा से आखिर, सरकारी चावल यहां कैसे आ गया। जांच के दौरान मिल मालिक ने कई बार कहा कि उस पर बैंक का 30 करोड़ रुपये का कर्ज है। अगर मिल सील रही तो वह कैसे कर्ज चुकाएगा।
24 हजार चावल के बोरे हुए थे बरामद
सोमवार की दोपहर करीब दो बजे सूचना के आधार पर आपूर्ति विभाग की टीम ने एडीएम डा.बसंत अग्रवाल के नेतृत्व में अष्टलक्ष्मी एग्रोटेक प्राइवेट लिमिटेड महमूदपुर बरसे अलीगढ़ आगरा रोड सासनी पर छापा मारकर 24 हजार कट्टे चावल से भरे बरामद किए थे। इस मामले में फर्म के स्वामी द्वारा कोई भी अभिलेख प्रस्तुत नहीं किए गए। इसके बाद मंडी सचिव यशपाल सिंह की ओर से फर्म का लाइसेंस निरस्त कर दिया गया। टीम ने राइस मिल सील कर दिया। छापेमारी के बाद फर्म के स्वामी का नाम पुनीत अग्रवाल निवासी मोहनगंज हाथरस के खिलाफ कोतवाली सासनी में आवश्यक वस्तु अधिनियम की धारा 3/7 के तहत मुकदमा दर्ज करा दिया गया है।
Ashtalakshmi Agrotech Pvt Ltd मिल मालिक ने टीम और मीडिया के सामने बार-बार कहा कि उसके ऊपर बैंक का 30 करोड़ रुपये का कर्ज है। मिल बंद रहेगी तो कर्ज कैसे चुकाएगा। इसके अलावा अलीगढ़ जनपद की धान खरीद का भी वह हर साल ठेका लेता है। विभाग की ओर से उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया गया है। अब पूरे मामले की जांच पुलिस करेगी।
धु्रवराज यादव, जिला पूर्ति अधिकारी हाथरस।
पूरे चावल के प्रपत्र हैं : पुनीत
अष्टलक्ष्मी एग्रोटेक प्राइवेट लिमिटेड मंडल की सबसे बड़ी राइस मिल है। मिल स्वामी पुनीत अग्रवाल ने बताया कि राइस मिल का 115 करोड़ रुपये सालाना का टर्न ओवर है। हर साल ढाई करोड़ रुपये वह टैक्स भी देता है। इसमें 70-80 लाख रुपये आयकर के अलावा जीएसटी और मंडी शुल्क शामिल है। चावल की पैकिंग के लिए वारदाना बाजार से मंगाया जाता है। उसी वारदाने में चावल की पैकिंग की जाती है। राइस मिल स्वामी का दावा है कि सरकारी राशन का कोई चावल नहीं है।
बाजार से खरीदे गए वारदाने में चावल पैक किया गया था। इस वारदाने पर सरकारी राशन की मुहर थी। उनके पास सभी प्रपत्र मौजूद हैं और आफिस में रखे हुए हैं। आफिस को सील कर दिया गया है, ऐसे में वह अपने प्रपत्र कैसे दिखाएं।