रिटर्न दाखिल, फिर भी 20 लाख नकदी पर काट दिया टीडीएस Aligarh news
बैंक अफसरों की लापरवाही ग्राहकों के जी का जंजाल बनी हुई है। रिटर्न दाखिल करने के बाद भी 20 लाख रुपये सालाना नकदी निकासी पर दो फीसद टीडीएस काटा जा रहा है।
अलीगढ़ [जेएनएन]: बैंक अफसरों की लापरवाही ग्राहकों के जी का जंजाल बनी हुई है। रिटर्न दाखिल करने के बाद भी 20 लाख रुपये सालाना नकदी निकासी पर दो फीसद टीडीएस काटा जा रहा है। ऐसे लोग अब सीए के यहां चक्कर लगा रहे हैं। आयकर विभाग ने एक जुलाई से ऐसे बैंक ग्राहक जिन्होंने पिछले तीन साल से आयकर का रिटर्न दाखिल नहीं किया है, उनसे टीडीएस कटौती शुरू कर दी है।
एक जुलाई से 20 लाख रुपये की सालाना नकदी निकासी पर बैंक खाता धारकों से दो फीसद टीडीएस काटने का नियम लागू किया गया है। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, पंजाब नेशनल बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, आर्यावर्त बैंक सहित अन्य सभी बैंकों ने टीडीएस काटने वाला सॉफ्टवेयर शुरू कर दिया है। ऑटोमैटिक इस सॉफ्टवेयर में खाताधारक के रिटर्न का ब्योरा नहीं आता। नकदी निकासी का ब्योरा आ रहा है। करंट अकाउंट हो या बचत, नकदी निकासी पर टीडीएस कट रहा है।
रिटर्न के पेपर करने होंगे जमा
पीएनबी की रेलवे रोड स्थित मुख्य शाखा के मुख्य प्रबंधक अनिल गुप्ता ने कहा कि एक जुलाई से नकदी निकासी की शर्तों का सॉफ्टवेयर डेवलप हो गया है। 20 लाख या इससे अधिक राशि निकालने वाले सभी बैंक खाता धारकों से कुल रकम की निकासी का दो फीसद टीडीएस काटा जाएगा। अगर इस जद में आए बैंक खाताधारकों ने पिछले तीन साल से रिटर्न दाखिल किया है, वे अपने तीनों साल के रिटर्न के दस्तावेज व पैन कार्ड जरूर जमा कर दें।
केस-एक : रामबाबू ङ्क्षसघल का पीएनबी की रेलवे रोड स्थित मुख्य शाखा में हार्डवेयर एक्सपोर्ट यूनिट का अकाउंट है। इनकी नकदी निकासी होने पर खाते से 10 हजार रुपये टीडीएस के रूप में काट लिए हैं। इनका कहना है कि वे रिटर्न दाखिल करते हैं, फिर भी पैसे कट गए।
केस-दो : चौधरी कल्याण ङ्क्षसह का आर्यावर्त बैंक की दो शाखाओं में अकाउंट है। केके आइस एंड कोल्ड स्टोरेज व भगवती कोल्ड स्टोरेज। इनके खाते से अचानक पैसा कटौती का मैसेज आया। मालूम हुआ कि यह पैसा 20 लाख रुपये की नकदी निकासी पर टीडीएस का काटा गया है। इनके मैनेजर सीए की शरण में हैं।
केस-तीन : अनुज गुप्ता की मदर इंटरनेशनल नाम से एक्सपोर्ट यूनिट है। इनका रेलवे रोड पीएनबी में अकाउंट है। इनके परिवार की दूसरी यूनिट के नकदी निकासी पर बैंक खाते से जब पैसा कट गया, इन्हें ङ्क्षचता हुई कि कहीं वे भी इस मुसीबत में न फंस जाएं। तत्काल मुख्य शाखा प्रबंधक से मिले। रिटर्न के दस्तावेज जमा किए, तब राहत मिली।
बैंक के शाखा प्रबंधक व अन्य बड़े अफसरों की मनमानी चरम पर है। जिन लोगों ने रिटर्न दाखिल किए है, उनके भी टीडीएस काटे गए हैं। ताला-हार्डवेयर के निर्यातक व निर्माता के 10 से 50 हजार रुपये तक कटौती की गई है। - सीए अवन कुमार ङ्क्षसह, अध्यक्ष, अलीगढ़ इनकम टैक्स बार एसोसिएशन