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Panic : उस रात को याद कर शिवानी के पैरों में जंजीर बांधकर सो रही मां Aligarh news

ढाई साल की शिवानी गिरोह के चंगुल से मुक्त होकर अपनी मां के पास लौट आई है। मां की खुशी का ठिकाना नहीं है। लेकिन अंदर ही अंदर वह खौफजदा भी है कि कहीं फिर से उसके साथ ऐसा हादसा न हो जाए।

By Anil KushwahaEdited By: Published: Wed, 28 Jul 2021 05:56 AM (IST)Updated: Wed, 28 Jul 2021 07:17 AM (IST)
Panic : उस रात को याद कर शिवानी के पैरों में जंजीर बांधकर सो रही मां Aligarh news
दहशत के चलते मां ने बेटी शिवानी को जंजीर में बांधकर सोयी।

अलीगढ़, जेएनएन।  ढाई साल की शिवानी गिरोह के चंगुल से मुक्त होकर अपनी मां के पास लौट आई है। मां की खुशी का ठिकाना नहीं है। लेकिन, अंदर ही अंदर वह खौफजदा भी है कि कहीं फिर से उसके साथ ऐसा हादसा न हो जाए। मां रेखा सोमवार रात को भी शिवानी के पैरों में जंजीर बांधकर सोई। रात में कई बार जागकर बेटी को निहारती भी रही। वहीं अपनी नींद दिन में पूरी की।

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22 जून की रात गायब हुई थी शिवानी

22 जून को सरोज नगर की गली नंबर छह के किनारे से ढाई साल की बच्ची शिवानी गायब हुई थी। शिवानी का परिवार सड़क किनारे झुग्गी में रहता है। रेखा इतनी डर गई कि दूसरी बेटी को जंजीर में बांधकर सोने लगी। इधर, 34 दिनों के अंदर मां रेखा और पिता राजा शिवानी के मिलने की उम्मीद छोड़ चुके थे। लेकिन, सोमवार की सुबह उनके लिए अच्छी खबर लेकर आई। पुलिस ने शिवानी को सकुशल परिवार के सुपुर्द कर दिया। राजा ने सड़क पर खड़े होकर मिठाई बांटी तो मां रेखा बेटी को सीने से लिपटाकर बैठी रही। अंधेरी हुआ और सोने की बारी आई तो मां को फिर से 22 जून की रात याद आ गई। मां इतनी सहम गई कि शिवानी के पैरों में जंजीर बांधकर सोई। मां ने कहा कि बच्ची मिल गई है। लेकिन, अभी डर बना हुआ है। अब बच्ची को खुद से दूर नहीं होने दूंगी।

स्क्रैप कारोबारी को 16 साल से नहीं हुआ था बच्चा

बच्चा खरीदने वाले सभी आरोपित गिरोह से अनभिज्ञ थे। लेकिन, इतना जरूर जानते थे कि बच्चा चोरी का है। खैर के संजय के अलावा देहलीगेट का जाहिद भी धनाड्य है। जाहिद स्क्रैप का कारोबार करता है। क्षेत्र में उसकी अलग प्रतिष्ठा है। जाहिद के स्वजन ने बताया कि जाहिद का 16 साल पहले निकाह हुआ था। तब से उस पर कोई बच्चा नहीं था। वहीं जाहिद की इच्छा थी कि उसे लड़का हो। इसी बीच जाहिद के एक रिश्तेदार ने उसे गभाना की चांदनी के जरिये बच्चे के बारे में बताया। इसके बाद बच्चे को एक लाख 80 हजार में बेचा गया था। इधर, बाबा कालोनी के आकाश के पास भी बेटियां हैं। उसे भी लड़के की चाहत थी। हालांकि दोनों के परिवार अब कुछ बोलने को तैयार नहीं है।

मुंबई नहीं, गाजियाबाद में बेचा था बच्चा, बरामद

गिरोह के पर्दाफाश के बाद पुलिस इनके अन्य साथियों की तलाश में जुटी है। पुलिस को दादरी की महिला के बारे में जानकारी मिली है, जिसके जरिये छठे बच्चे को बेचा गया। बच्चे के मुंबई में बेचे जाने की जानकारी मिली थी। एसएसपी ने मुंबई पुलिस से भी संपर्क किया। लेकिन, बाद में पता चला कि बच्चा गाजियाबाद में ही दादरी की महिला की मदद से बेचा गया था। ऐसे में एक टीम मंगलवार सुबह गाजियाबाद के साहिबाबाद रवाना हो गई। वहां महिला को हिरासत में लेने के बाद बच्चे को भी बरामद कर लिया गया है।

पहले लाकडाउन से फिराक में थे आरोपित

भाई-बहन दुर्योधन व बबली ही गिरोह के मुख्य सरगना हैं। दुर्योधन अनिल व शुभम के साथ गाजियाबाद की ट्रांसपोर्ट कंपनी में काम करता था। वहीं तीनों की दोस्ती हुई। तीनों फुटपाथ पर सोते थे, जहां गरीब बच्चों को देखकर उन्हें उठाने का ख्याल आया। जल्दी अमीर बनना चाहते थे। ऐसे में पहले लाकडाउन यानी मार्च 2020 से ही आरोपित बच्चों को उठाने की फिराक में थे। लेकिन, कामयाब नहीं हो पा रहे थे। दिसंबर में साहिबाबाद में पहला बच्चा चोरी किया था। इसके बाद सात माह में कुल छह बच्चे चोरी किए। सूत्रों के मुताबिक, गिरोह ने अन्य बच्चों को भी उठाया। लेकिन, इस संबंध में पुलिस कुछ भी बताने को तैयार नहीं है।

कानूनी रूप से बच्चे को लें गोद, शार्टकट न अपनाएं

बच्चे को गोद लेने के लिए कानूनी रूप से सीधा और सरल तरीका है। इसके लिए केंद्र सरकार ने सेंट्रल एडाप्शन रिसोर्स अथारिटी (कारा) गठित की हुई है। कारा मुख्य रूप से बेसहारा छोड़ दिए गए बच्चों को गोद देने का काम करती है। कोई भी संभावित माता-पिता, जिनकी अपनी कोई जैविक संतान हा या न हो, वह बच्चा गोद ले सकते हैं। इसके लिए कुछ शर्ते हैं। कुछ दस्तावेज भी जमा करने होते हैं। लेकिन, अक्सर लोग इस जानकारी के अभाव में धोखाधड़ी का शिकार हो जाते हैं। इसी का फायदा गिरोह ने उठाकर आसानी से चोरी के बच्चों को बेच दिया।


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