हाथरस, जागरण संवाददाता । प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ 2974 अपात्रों को भी दिला दिया गया। इनके नाम सामने आते ही उनसे वसूली की तैयारी की जा रही हैं। इसके लिए अधिक भूमि वाले और आयकरदाता किसानों की तलाश करने के लिए गांव में कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है।
किसानों का स्तर सुधारने को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना
किसानों का स्तर सुधारने के लिए सरकार द्वारा प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना चलाई गई। यह योजना गरीब व लघु किसानों के लिए थी। इसमें फसल के हिसाब से साल में 6000 रुपये की धनराशि तीन किश्तों में किसानों के खातों भेजी जाती है। इसके लिए आनलाइन पंजीकरण व सत्यापन के बाद इस धनराशि का वितरण होता है। इस योजना का लाभ अपात्र किसानों तक पहुंच गया। इसकी जानकारी आधार से पेनकार्ड लिंक होने पर पता चली। इसके लिए अब किसानों से वसूली की जा रही है।
सम्मान सहित लौटाएं सम्मान निधि, जुर्माना सहित होगी कार्रवाई
जिले में सम्मान निधि लेने वाले करीब 2974 अपात्र हैं। इनमें 474 मृतक व 2500 आयकर देने वाले किसान हैं। इन किसानों को सम्मान सहित विभाग के खाते में सम्मान निधि जमा करने को कहा गया है। कुछ ने तो लौटा भी रहे हैं। इनसे जुर्माना सहित धनराशि की वसूली की जाएगी।इनकी संख्या का पता तो चल गया है। अभी तक नाम व पता की सूची नहीं मिली है।
गांव में लगाई कर्मियों की ड्यूटी
सम्मान निधि का लाभ अपात्रों तक कैसे पहुंचा। इसके लिए भी विभागीय रिकार्ड खंगाले जा रहे हैं। इसमें संबंधित लेखपाल, कृषि विभाग के कर्मचारी भी संदेह के दायरे में हैं। कृषि उपनिदेश कार्यालय के कुछ कर्मियों को गांव में आयकरदाता व एक एकड़ से अधिक भूमि वाले किसानों की लिस्ट तैयार कराकर उनकी जांच कराई जा रही है। इसके लिए कर्मियों की ड्यूटी गांव में लगाई गई है।
इनका कहना है
किसान सम्मान निधि के लिए जिले में दो लाख से अधिक पंजीकरण हुए थे। इनमें से 1,85,500 किसानों को सम्मान निधि मिल रही है। फर्जीवाड़ा कर सम्मान निधि लेने वाले अपात्रों से सख्ती से वसूली की जाएगी।
- एचएन सिंह, उपकृषि निदेशक
a