अलीगढ़, जेएनएन। जिला कांग्रेस कमेटी में वरिष्ठता के आधार पर नेताओं को दायित्व न दिए जाने का मामला तूल
पकड़ता
जा रहा है। जिला सचिव
वीरी
सिंह बंजारा ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है, कई और नेता इस कतार में हैं। सोमवार को कई और नेताओं ने
बगावती
तेवर दिखाते हुए जिलाध्यक्ष व जिला प्रभारी पर निशाना साधा। सभी ने वरिष्ठ नेताओं की अनदेखी का आरोप लगाया। जिलाध्यक्ष ने हाईकमान का फैसला बताकर हाथ
झाड़
लिए हैं।
कांग्रेस में कई वरिष्ठ नेता छोटे दायित्व मिलने से नाखुश हैं। कार्यकारिणी में बदलाव के लिए प्रस्ताव तक ला चुके हैं। पूर्व जिला महामंत्री सुरेश चंद्र
लोधी
व असद
फारुक
ने
वीरी
सिंह बंजारा के निर्णय को सही ठहराते हुए कहा कि
वीरी
सिंह पार्टी में महामंत्री , प्रवक्ता व पीसीसी सदस्य जैसे अहम पदों पर रहे हैं। अपना पूरा जीवन पार्टी को समर्पित कर दिया। जिला सचिव के पद पर नियुक्ति से उनके सम्मान को ठेस पहुंचाई गई। इससे अन्य नेता भी खुद को अपमानित महसूस कर रहे है। जिलाध्यक्ष संगठन को मजबूत करने में असमर्थ हैं। हाईकमान को संज्ञान लेना चाहिए।
वरिष्ठ नेताओं से नहीं मिलते प्रभारी
पूर्व जिला महामंत्री नितिन चौहान ने कहा कि जिन लोगों ने पार्टी के लिए पसीना बहाया, पुलिस के लाठी-डंडे खाए,
मुकदमें
झेले, ईमानदारी से पार्टी में 20-30 साल दिए, ऐसे नेताओं की अब अनदेखी हो रही है। इसके जिम्मेदार अलीगढ़ के प्रभारी विदित चौधरी हैं, जो जनपद दौरे में कभी वरिष्ठ नेताओं से नहीं मिलते। कुछ लोगों के साथ चाय पीकर चले जाते हैं। ऐसे हालात में पार्टी को एक सीट नहीं मिलेगी। असंतोष को शांत नहीं किया गया तो इस्तीफों की
झड़ी
लग जाएगी। पूर्व महासचिव विजय सारस्वत ने कहा कि दो भाइयों के
झगड़े
से यहां कांग्रेस का सत्यानाश हो रहा है। बंजारा का इस्तीफा दुर्भाग्यपूर्ण है।