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सगे चाचा ने की थी अपनी मासूम भतीजी की हत्या Hathras news

मासूम बच्ची का कातिल उसका सगा चाचा निकला। उसने अपने पड़ोसियों को फंसाने और नाराज होकर मायके गयी अपनी पत्नी को बुलाने के लिए हत्या जैसा षड़यंत्र रच डाला था।

By Parul RawatEdited By: Published: Tue, 04 Aug 2020 07:03 PM (IST)Updated: Tue, 04 Aug 2020 10:52 PM (IST)
सगे चाचा ने की थी अपनी मासूम भतीजी की हत्या Hathras news
सगे चाचा ने की थी अपनी मासूम भतीजी की हत्या Hathras news

अलीगढ़ [जेएनएन]। पिछले दिनों दरियापुर व जोगीपुरा गांव के मध्य बाजरे में मिली सात वर्षीय बच्ची के हत्याकांड का खुलासा मंगलवार को पत्रकार वार्ता के दौरान अपर पुलिस अधीक्षक ने किया। मासूम बच्ची का कातिल उसका सगा चाचा निकला। उसने अपने पड़ोसियों को फंसाने और नाराज होकर मायके गयी अपनी पत्नी को बुलाने के लिए हत्या जैसा षड़यंत्र रच डाला था। मंगलवार को पुलिस ने आरोपी चाचा को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।

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24 जुलाई की देर शाम को दरियापुर निवासी रामकिशन पुत्र कलियान सिंह की सात साल की बच्ची हिना का शव गांव के बाहर बाजरे के खेत में मिला था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का कारण गला दबाकर हत्या होना आया। मामले की रिपोर्ट मृतका के पिता ने अपने पड़ोसी हरी सिंह पुत्र रामगोपाल सहित चार लोगों के खिलाफ दर्ज कराई थी। इस हत्याकांड का खुलासा किए जाने के लिए एसपी विक्रांतवीर ने एसआइटी का गठन किया था। मंगलवार को एएसपी प्रकाश कुमार ने पुलिस आफिस पर पूरे हत्याकांड का खुलासा किया। एएसपी ने बताया कि ज्ञान सिंह की पत्नी उसे छोड़कर मायके चली गयी थी। वह उसे बुलाना चाह रहा था,लेकिन वह आने के लिए तैयार नहीं हुई। उसे लगा कि घर में कोई मौत हो जाएगी तो वह सहानभूति बतौर वापस लौट आयेगी। इसके अलावा वह भतीजी की हत्या में अपने पड़ोसियों को जेल भिजवाने की साजिश रच चुका था।

नमकीन दिलाकर भतीजी को ले गया मारने

अपनी पत्नी को मायके से बुलाने के लिए आरोपी ज्ञान सिंह पुत्र कलियान सिंह ने पहले प्लानिंग की। उसने 24 जुलाइ्र की दोपहर एक बजे अपनी भतीजी को कुछ लाने के लिए पैसे दिए। बच्ची ने दुकान से भुजिया नमकीन ली। चाचा ज्ञान सिंह ने अपनी भतीजी से बाजरा के खेत से बाले लाने की बात कही और उसे लेकर बाजरे के खेत में चला गया। जहां गला दबाकर अपनी भतीजी की हत्या कर दी।

आखिर इंस्पेक्टर ने खोली घटना

एसपी ने हत्याकांड के बाद एक एसआईटी का गठन किया। जिसमें कई इंस्पेक्टर व एसओजी टीम को लगाया गया,लेकिन इंस्पेक्टर हाथरस जंक्शन विनोद कुमार अपनी टीम के साथ अकेले की हत्याकांड के खुलासे में जुटे रहे और आखिर में सफलता हासिल कर ली। इससे ऐसा लगता है कि केवल नाम के लिए ही एसआईटी का गठन किया गया था। यहीं कारण है कि एएसपी ने पत्रकारा वार्ता के दौरान इंस्पेक्टर विनोद कुमार व उनकी टीम की तारीफ भी की।

चाचा पर नहीं था किसी को शक

अपनी मासूम भतीजी की गला दबाकर हत्या करने के बाद चाचा ज्ञानसिंह बेफ्रिक होकर गांव वापस लौट आया था। बच्ची को तलाश कराने के दौरान वो भी इसलिए मौजूद रहा कि उसके ऊपर किसी का शक नहीं जाए। पुलिस अधिकारियों की मौजूदगी के दौरान भी उस दिन उसके चेहरे पर बिलकुल शिकन नहीं थी। पुलिस को भी बिल्कुल शक नहीं था कि वह अपनी भतीजी की हत्या कर सकता है। मगर जब पुलिस की विवेचना बढ़ी और चाचा का नाम सामने आया तो खुद इंस्पेक्टर भी चौक उठे। आखिर चाचा ने ऐसा क्यों किया। इस तरह के तमाम सवाल पुलिस के जेहन में उठने लगे। गांव में ज्ञान सिंह के बारे में जब कई जानकारी मिली तो पुलिस का शक गया और उसे गिरफ्तार कर लिया गया। पूछताछ के बाद उसने अपना जुर्म कबूल लिया।


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