पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह की पत्नी रामवती बोलीं, बाबूजी का सपना साकार, ये मलाल भी है Aligarh News
बाबूजी ने पूरी जिंदगी संघर्ष में निकाल दी। रामलला के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया। श्रीराम मंदिर बनने से वर्षों से अधूरा पड़ा बाबूजी का सपना आज साकार हो गया है।
अलीगढ़ [मुकेश वर्मा]: बाबूजी ने पूरी जिंदगी संघर्ष में निकाल दी। रामलला के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया। श्रीराम मंदिर बनने से वर्षों से अधूरा पड़ा बाबूजी का सपना आज साकार हो गया है। दुख इस बात का भी है कि बाबूजी भूमि पूजन में शामिल नहीं हो सके। यह कहते हुए पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह (बाबूजी) की पत्नी रामवती देवी खुशी से झूम उठीं। उनके गांव मढ़ौली में बुधवार को जश्न का माहौल था। रामवती ने लोगों को मिठाई बांटी।
बाबूजी ने कुर्सी को लात मार दी थी
रामवती ने कहा, बाबूजी के मुख्यमंत्री काल में विवादित ढांचा गिरा था। इसकी जिम्मेदारी लेते हुए बाबूजी ने कुर्सी को लात मार दी थी। रामलाल मंदिर बनवाने के लिए बड़ा त्याग किया। ढांचा गिरने के बाद मैं बेटी प्रभा वर्मा व दामाद डॉ. अशोक कुमार के साथ अयोध्या गई थी। वहां नजदीक से मलबे को देखा था। बाबूजी का त्याग और मंदिर के लिए मेहनत आज आखिर रंग लाई है। उनका सपना साकार होते देख मेरी भी तमन्ना पूरी हो गई। मन सिर्फ एक ही मलाल रह गया कि बाबूजी अयोध्या में होने वाले भूमि पूजन में शामिल नही हो सके। मंदिर बनने से झगड़े फसाद समाप्त हो जाएंगे। श्रीराम मंदिर शांति का प्रतीक बनेगा।