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Aligarh Coronavirus News: वित्तविहीन विद्यालयों में कोरोना से सुरक्षा रामभरोसे

माध्यमिक शिक्षा परिषद उत्तरप्रदेश से संबद्ध राजकीय एडेड व वित्तविहीन कॉलेज संचालित हैं। राजकीय व एडेड विद्यालयों के प्रधानाचार्य तो हैंड सैनिटाइजर मास्क हाथ धोने के साबुन आदि की व्यवस्था कर रहे हैं। मगर वित्तविहीन कॉलेजों में ये व्यवस्थाएं दुरुस्त हो पाना संभव नहीं लग रहा।

By Sandeep SaxenaEdited By: Published: Fri, 23 Oct 2020 11:13 AM (IST)Updated: Fri, 23 Oct 2020 11:13 AM (IST)
Aligarh Coronavirus News: वित्तविहीन विद्यालयों में कोरोना से सुरक्षा रामभरोसे
राजकीय व एडेड विद्यालयों के प्रधानाचार्य तो हैंड सैनिटाइजर, मास्क, हाथ धोने के साबुन आदि की व्यवस्था नहीं है।

अलीगढ़, जेएनएन। 19 अक्टूबर से कक्षा नाै से 12वीं तक के स्कूल-कॉलेज खोल दिए गए हैं। माध्यमिक शिक्षा परिषद उत्तरप्रदेश से संबद्ध राजकीय, एडेड व वित्तविहीन कॉलेज संचालित हैं। राजकीय व एडेड विद्यालयों के प्रधानाचार्य तो हैंड सैनिटाइजर, मास्क, हाथ धोने के साबुन आदि की व्यवस्था कर रहे हैं। मगर वित्तविहीन कॉलेजों में ये व्यवस्थाएं दुरुस्त हो पाना संभव नहीं लग रहा। इस संबंध में वित्तविहीन शिक्षकों का ही कहना है कि सरकार की आेर से इस संबंध में कोई बजट जारी किया जाए। विद्यालय बंद हैं फीस नहीं आई है तो इंतजाम कहां से करें? हालांकि वित्तविहीन कॉलेजों के प्रबंधक यही दावा कर रहे हैं कि विद्यार्थियों को सुरक्षित माहौल में बुलाया जा रहा है। मगर सच्चाई इसके उलट ही है। जिले में 94 एडेड, 34 राजकीय व करीब 625 वित्तविहीन कॉलेज हैं।

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 विद्यालय बंद रहने से फीस नहीं आई

सोशल मीडिया पर भी वित्तविहीन शिक्षकों व शिक्षक नेताओं ने बजट की मांग का मुद्दा उठाया है। वित्तविहीन शिक्षक महासभा के प्रदेश महामंत्री नीरज शर्मा ने कहा कि, यह सच है कि विद्यार्थियों के न आने व सात महीनों से विद्यालय बंद रहने से फीस नहीं आई है। इससे व्यवस्थाएं बनाने में दिक्कत तो होगी। मगर विद्यार्थियों को अभिभावकों की अनुमति के साथ विद्यालय बुलाया जा रहा है। कोविड-19 संक्रमण से विद्यार्थियों की सुरक्षा सभी की जिम्मेदारी है। इसलिए प्रबंधक अपने स्तर से व्यवस्थाएं भी कर रहे हैं। मगर शासन को इस संबंध में बजट जारी कर वित्तविहीन कॉलेज संचालकों को राहत देनी चाहिए।

सभी प्रधानाचार्यों व प्रबंधकों को कोविड-19 से बचाव के उपाय अपने संस्थान में करने हैं। इसमें किसी भी तरह की ढिलाई नहीं बरती जाएगी। बिना सुरक्षा उपायों के विद्यालय संचालन मिला तो कार्रवाई होगी।

डॉ. धर्मेंद्र कुमार शर्मा, डीआइओएस


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