अलीगढ़ में हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति राजेश दयाल बोले, सस्ते न्याय का माध्यम हैं लोक अदालत
इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति राजेश दयाल खरे ने कहा समाज में सौहार्द कायम करती हैं लोक अदालत।
अलीगढ़ : इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति (प्रशासनिक अधिकारी, अलीगढ़ डिविजन) राजेश दयाल खरे ने कहा है कि लोक अदालत न केवल सुलभ व सस्ते न्याय को पाने का माध्यम हैं बल्कि समाज में सौहार्द्र लाने का भी काम करती हैं। यही कारण है कि लोक अदालतें न्यायालयों के विकल्प के रूप में उभरकर सामने आ रही हैं। उन्होंने आह्वान किया कि समाज के सभी लोग मिलकर एक ऐसा समाज विकसित करें, जिसमें वाद-विवाद का स्थान न हो। तभी वाद रहित समाज की परिकल्पना साकार होगी। न्यायमूर्ति राजेश दयाल खरे ने यह विचार दीवानी परिसर में शनिवार को आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत के उद्घाटन के मौके पर व्यक्त किए। जिला जज एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष प्रेम कुमार सिंह ने कहा कि जन सहयोग एवं सबकी भागीदारी से न्याय पाने का सर्वश्रेष्ठ तरीका लोक अदालतें हैं।
विधिक प्राधिकरण सचिव अभिनितम उपाध्याय ने बताया कि दीवानी परिसर के विभिन्न न्यायालयों, तहसील स्तरीय न्यायालयों में कुल 6128 लंबित वादों को निस्तारण के लिए प्रस्तुत किया गया था। जिनमें से 2333 वादों का निस्तारण करते हुए 3,28,91,860 का सेटलमेंट के रूप में प्राप्त किया गया। लोक अदालत में प्री-लिटिगेशन के कुल 9697 मामलों में से 7378 मामलों का निपटारा किया गया और 20,94,570 का सेटलमेंट प्राप्त किया गया। बैंकों ने 14, 8,825 वसूल किए। खास बात यह है कि लोक अदालत का लाभ लेने के लिए वादकारी सुबह से ही दीवानी परिसर में मौजूद अदालत में पहुंच गए थे। बेहतर व्यवस्था के साथ एक-एक वादकारियों को संतुष्ट कर उन्हें दिया गया। इस दौरान एडीजे सहित अनेक न्यायालस से संबंधित अधिकारी, कर्मचारी, अधिवक्ता व वादकारी मौजूद थे।