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अंतिम चरण वाले कैंसर रोगियों के लिए भी वरदान है रेडिएशन थेरेपी

कैंसर का नाम सुनते ही लोगों के दिमाग में मौत का ख्‍याल आने लगता है लेकिन अब इसका इलाज संभव है। कैंसर की आधुनिक तकनीकी से बचाव और इलाज की बेहतर रणनीति बनाने में मदद मिली है। इनमें रेडिएशन थेरेपी काफी कारगर रही है।

By Anil KushwahaEdited By: Published: Sat, 21 May 2022 03:39 PM (IST)Updated: Sat, 21 May 2022 03:55 PM (IST)
अंतिम चरण वाले कैंसर रोगियों के लिए भी वरदान है रेडिएशन थेरेपी
रेडिएशन थेरेपी आखिरी चरण के कैंसर मरीजों के लिए वरदान साबित हुई है।

अलीगढ़,जागरण संवाददाता। श्रमरहित लाइफ स्टाइल तथा अस्वास्थ्यकर खानपान की बढ़ती आदतों के कारण हर साल कैंसर मरीजों की संख्या अप्रत्याशित रूप से बढ़ती जा रही है। कैंसर की आधुनिक तकनीकी से बचाव और इलाज की बेहतर रणनीति बनाने में मदद मिली है।

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आखिरी चरण के मरीजों के लिए कारगर

इनमें रेडिएशन थेरेपी काफी कारगर रही है, यह आखिरी चरण के कैंसर मरीजों के लिए तो वरदान साबित हुई है। इसका इस्तेमाल सर्जरी और कीमोथेरापी के साथ ही किया जा सकता है। यह कहना है नई दिल्ली के मैक्स सुपर स्पेशलिटी हास्पिटल में रेडिएशन ओंकोलॉजी के मुख्य कंसल्टेंट डॉ. अरुण वर्मा का। रामघाट रोड स्थित एक होटल में आयोजित प्रेसवार्ता में डा. अरुण वर्मा ने बताया कि यह थेरेपी ट्यूमर के सटीक आकार पर लक्ष्य करने के लिए इमेज गाइडेंस तकनीक का इस्तेमाल करती है। एडवांस रेडिएशन थेरेेपी से भी आसपास की स्वस्थ कोशिकाओं और अंगों को नुकसान से बचाया जा सकता है। चिकित्सकों के अनुसार, भारत में पुरुषों और महिलाओं की समयपूर्व मृत्यु का एक बड़ा कारण कैंसर है।

कैंसर के इलाज में आया क्रांतिकारी बदलाव

रेडिएशन थेरेपी कैंसर के इलाज में प्रभावी रूप से इस्तेमाल की जाती है और इसके लक्षणों को कम करती है, वहीं रेडिएशन की ज्यादा खुराक से कैंसर के दोबारा पनपने की संभावना भी कम हो जाती है। इससे कैंसर के इलाज में क्रांतिकारी बदलाव आया है। यह टेक्नोलाजी बड़े से बड़ा और जटिल ट्यूमर के इलाज में भी कारगर है। एक मिलीमीटर से भी कम त्रुटि की संभावना रहती है।

2020 में आए 13.24 लाख मामले

ग्लोबाकैन 2020 इंडिया के आंकड़ों के मुताबिक, कैंसर के 13.24 लाख नए मामले दर्ज हैं जिनमें से 11.42 फीसदी लोगों की मौत ओरल कैंसर के कारण हुई है। वैश्विक स्तर पर 40 साल से कम उम्र की सात प्रतिशत जनसंख्या ब्रेस्ट कैंसर से पीड़ित हैं। भारत में यह दर दोगुनी यानी 15 प्रतिशत है। यहां महिलाओं की मौत का यह सबसे बड़ा कारण है। सभी तरह के कैंसर के मामलों में 25 प्रतिशत मरीजों की मौत हो जाती है और भारत में ही पिछले साल कैंसर के नए मरीजों में 18 प्रतिशत इजाफा हुआ है।


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