अलीगढ़ में 10 लाख रुपये का आयकर जमा न करने पर प्रोपर्टी सीज
कर न चुकता करने वाले डिफाल्टरों पर आयकर विभाग ने सख्ती शुरू कर दी है। कर वसूली अधिकारी (टीआरए) ने 10 लाख 59 हजार 665 रुपया का बकाया टैक्स (ब्याज अतिरिक्त) न चुकता करने पर खरीदी गई
अलीगढ़ (जेएनएन)। कर न चुकता करने वाले डिफाल्टरों पर आयकर विभाग ने सख्ती शुरू कर दी है। कर वसूली अधिकारी (टीआरए) ने 10 लाख 59 हजार 665 रुपया का बकाया टैक्स (ब्याज अतिरिक्त) न चुकता करने पर खरीदी गई प्रोपर्टी को ही सीज कर दिया। केला नगर चौराहा निकट स्थित यह प्रोपर्टी कुश कुमार वाष्र्णेय ने वर्ष 2011 में खरीदी थी। ज्वेलरी व कपड़ा का कारोबार करने वाले कुश ने टैक्स अदायगी को लेकर अफसरों द्वारा जारी नोटिसों को भी नजरअंदाज कर दिया। एक तरफा निर्णय के बाद यह कार्रवाई की है।
यह है मामला
दरअसल शैलेंद्र दीक्षित व राजवीर दीक्षित दो भाई हैं। इनका केला नगर स्थित इस मकान का 50 फीसद 282.18 वर्गमीटर की हिस्सेदारी वाले मकान का बैनामा राजवीर सिंह ने मंदिर पथवारी, पड़ाव दुबे निवासी कुश कुमार वाष्र्णेय के नाम कर दिया। वर्ष 2012 व 13 में खरीदी गई संपत्ति के लिए जुटाई गई धनराशि का ब्यौरा व टैक्स को लेकर आयकर विभाग ने फाइल को री ओपन किया। वार्ड तीन के तत्कालीन अधिकारी मनोज मिश्रा ने नोटिस जारी कर संपत्ति के मालिक कुश को अपना पक्ष रखने को कहा। कुश के अधिवक्ता ने आकर न तो जबाव दाखिल किया। ना ही देनदारी वाले टैक्स को कम करने के लिए किसी भी प्रकार की अपील दाखिल की।
संपत्ति बेचकर टैक्स जमा करने के निर्देश
वार्ड के आयकर अधिकारी एके मल ने क्षेत्रीय इंसपेक्टर मुकेश अग्रवाल को कुश के पास ब्याज सहित टैक्स अदा करने के लिए कहा। किसी भी प्रकार का संतुष्ट जनक जबाव न देने पर मल ने टीआरए अंजनेश मित्तल को प्रोपर्टी बेचकर कर वसूली करने की सिफारिश की।
15 साल बाद की कार्रवाई
मित्तल ने प्रधान आयकर आयुक्त आनंद शरण सिंह से अनुमति लेकर प्रोपर्टी सीज कर दिया है। आयकर विभाग ने इस तरह की 15 साल बाद कार्रवाई की है। वहीं कुश वाष्र्णेय व समीर वाष्र्णेय ने का कहना है कि उनको इस कार्रवाई की जानकारी नहीं है। केस जरुर चल रहा है। अधिवक्ता को अपना पक्ष रखने के लिए कहा था।
विवादित है प्रोपर्टी, इस लिए नहीं चुकाया कर
शैलेंद्र दीक्षित व राजवीर दीक्षित सगे भाई हैं। बकौल शैलेंद्र दीक्षित जिस जमीन का बैनामा कराया गया था, उसका वर्ष 2009 में शैलेंद्र दीक्षित बनाम संजू दीक्षित के बीच विवाद चल रहा है। इसी बीच इस प्रोपर्टी को बेचा गया है। कुश वाष्र्णेय जानबूझ कर कर नहीं चुका रहे होंगे। बने हुए मकान पर विभाग की जद में नहीं है। शेलेंद्र दीक्षित के बेटा भाजपा के नेता हैं।
25 डिफाल्टर आयकर की रडार पर
आयकर चुकता न चुकता करने वाले 25 डिफाल्टर अफसरों की रडार पर हैं जिनमें अलीगढ़ के 10 आयकर दाता ऐसे है, जो जान बूझ कर नहीं चुका रहे। उनके बैंक अकाउंट सीज कर दिए गए हैं। आयकर विभाग के परिक्षेत्र में 15 मामले अलग हैं।
टैक्स जमा न होने तक नहीं होगी संपत्ति की बिक्री
कर वसूल अधिकारी अंजनेश कुमार मित्तल ने बताया कि यह प्रोपर्टी अब आयकर विभाग की है। जबतक टैक्स अदा नहीं होता, तबतक इसकी खरीद बिक्री नहीं होगी। अगर किसी ने भी खरीद बिक्री की कोशिश की तो उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज होगा। उसे छह माह की सजा व 10 हजार रुपये तक का जुर्माना देना होगा।