अलीगढ़, जागरण संवाददाता: भले ही सरकार घर-घर कोविड टीकाकरण की तैयारी में हो, लेकिन बूस्टर डोज में स्थिति खराब है। जिले में 25 लाख से अधिक लोग दोनों टीके लगवा चुके हैं। इनमें 10 लाख से अधिक को बूस्टर डोज का इंतजार है, लेकिन मात्र 40 हजार को ही बूस्टर डोज लग पाई है। 60 वर्ष से कम आयु वर्ग के लोगों के लिए सरकारी केंद्रों पर सुविधा न होने से डोज लंबित हो रही है।
जिले में 57.03 लाख टीके लगाए जा चुके हैं। 30.85 लाख को पहला व 25.15 लाख को दूसरा टीका लगा है। करीब 40 हजार से अधिक को सरकारी केंद्रों पर तीसरा टीका यानी बूस्टर डोज लगी है। 60 वर्ष आयु से कम वाले ऐसे लाभार्थी जो दो टीके लगवा चुके हैं, उन्हें निजी अस्पतालों में 375 रुपये खर्च करके बूस्टर डोज लगवानी है। शुल्क का खर्चा वहन भी कर लें, लेकिन शेखर सर्राफ मेमोरियल हास्पिटल के अलावा कहीं सुविधा नहीं है।
कीमतें घटाने का असर नहीं
पूर्व में कोविशील्ड की कीमत 600 व कोवैक्सीन की 1200 रुपये थी, जो अब 225 रुपये है। संचालक 150 रुपये बतौर सेवा शुल्क वसूल सकते हैं। इस तरह 375 रुपये में बूस्टर डोज लग सकती है। निजी अस्पताल वैक्सीन खरीदकर टीकाकरण शुरू नहीं कर रहे हैं।
ये है स्थिति
आयु वर्ग - दूसरी डोज
12-14 - 0.41 लाख
15-17 - 1.63 लाख
18-60 - 22.98 लाख
60 से अधिक - 2.59 लाख
एक वायल से आठ-दस लोगों को बूस्टर डोज लगती है। दिनभर में एक ही व्यक्ति आया तो बाकी डोज खराब हो जाएगी। इसलिए निजी अस्पताल आगे नहीं आ रहे हैं। -डा. जयंत शर्मा, अध्यक्ष इंडियन मेडिकल एसोसिएशन
टीकाकरण शुरू करने के लिए अस्पताल संचालकों से निरंतर संपर्क किया जा रहा। एक ही अस्पताल ने शुरुआत की है। इससे लक्ष्य के सापेक्ष बूस्टर डोज नहीं लग पा रही है। -डा. एमके माथुर, जिला प्रतिरक्षण अधिकारी
a