एएमयू में पीएम मोदी के हाथों जारी डाक टिकट भी होगा कैप्सूल में दफन
यूनिवर्सिटी के पूरे हो चुके हैं सौ साल 26 जनवरी को जमीन रखा जाएगा कैप्सूल।
जासं, अलीगढ़ : एएमयू के इतिहास में 26 जनवरी भी खास होगी। गणतंत्र दिवस पर इंतजामिया यूनिवíसटी के सौ साल पूरे होने के उपलक्ष्य में कैप्सूल दफन करेगी। ऐतिहासिक विक्टोरिया गेट के सामने पार्क में दफन होने वाले कैप्सूल में सौ साल का इतिहास होगा। 22 दिसंबर को पीएम मोदी द्वारा शताब्दी समारोह में जारी किया गया डाक टिकट भी शामिल होगा।
एएमयू पीआरओ कार्यालय के डा. राहत अबरार ने बताया कि गणतंत्र दिवस पर सुबह 11 बजे कैप्सूल रखने का आनलाइन कार्यक्रम होगा, जिसे कुलपति प्रो. तारिक मंसूर संबोधित करेंगे। सर सैयद ने आज की एएमयू का सपना नौ फरवरी 1873 में बनारस में हुई मोहम्मडन एंग्लो ऑरियंटल कॉलेज फंड कमेटी की पहली बैठक में देखा था। तब से लेकर 2020 तक क्या उतार चढ़ाव हुए, यह सब लेखा जोखा कैप्सूल में रखा गया है। सभी दस्तावेज सुरक्षित रहें, इसके लिए कैप्सूल के अंदर नाइट्रोजन गैस भरी गई है। ऐसा करने वाली एएमयू देश की पहली यूनिवíसटी भी बनेगी। सर सैयद अहमद खा ने 24 मई 1875 में सात छात्रों से मदरसा तुल उलूम के रूप में यूनिवíसटी की नींव रखी थी। आठ जनवरी 1877 को 74 एकड़ फौजी छावनी में मोहम्मडन एंग्लो ओरिएंटल (एमएओ) कॉलेज स्थापित किया। कॉलेज को एएमयू में अपग्रेड करने के लिए तब के शिक्षा सदस्य सर मोहम्मद शफी ने 27 अगस्त 1920 को इंपीरियल लेजिस्लेटिव काउंसिल में बिल पेश किया। काउंसिल ने इसे नौ सितंबर को दोपहर 12:03 बजे पारित किया। गवर्नर जनरल की सहमति भी मिली। एक दिसंबर को अधिसूचना जारी की गई और विश्वविद्यालय अस्तित्व में आया। उसी दिन राजा महमूदाबाद पहले कुलपति नियुक्त किए गए। उद्घाटन 17 दिसंबर 1920 को स्ट्रेची हाल में हुआ।