Positive India: खुद के समय को लगाया जरूरतमंदों की मदद में Aligarh news
कोरोना से जंग में पुलिसकर्मी योद्धा की तरह लोगों की सेवा में जुटे हैं।ऐसे ही ट्रैफिक पुलिस के सिपाही हैं अनुपम कुमार जो इन दिनों 12 से 16 घंटे की ड्यूटी कर रहे हैं।
अलीगढ़ [जेएनएन ]: कोरोना से जंग में पुलिसकर्मी योद्धा की तरह लोगों की सेवा में जुटे हैं। ऐसे ही ट्रैफिक पुलिस के सिपाही हैं अनुपम कुमार, जो इन दिनों 12 से 16 घंटे की ड्यूटी कर रहे हैं। खुद के लिए भी समय नहीं दे पा रहे है। उनका उद्देश्य है कि कोई भूखा न रहे।
कोई न रहे भूखा
मूलरूप से एटा निवासी अनुपम 2005 से अलीगढ़ में तैनात हैं। ट्रैफिक व्यवस्था को संभालने की बात आती है तो अनुपम का नाम आगे रहता है। अनुपम सुबह छह बजे उठ जाते हैं। लॉकडाउन के दौरान लगी ड्यूटी को अनुपम अवसर बताते हैं। कहते हैं कि कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव के लिए पूरा देश एक है। हमें भी आगे आकर मदद करनी चाहिए। कुछ दिनों पहले दिल्ली-हरियाणा से आने वाले मजदूर अलीगढ़ होकर अपने घरों को लौट रहे थे तो दर्जनों लोगों की अनुपम ने निजी रूप से मदद की। किसी को रुपये दिए तो किसी को वाहन की व्यवस्था करवाकर भिजवाया। कुछ लोगों के खाने का भी इंतजाम किया। उन्होंने अपने साथियों को भी कहा कि जितना हो सकें, हमें लोगों की मदद करनी चाहिए।
कभी सोचा नहीं था कि सबकुछ ऐसे ठहर जाएगा
अलीगढ़ के पिसावा में कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने के लिए लागू लॉकडाउन में जिस तरह यह मशीनी युग में थम गया है, ऐसा कभी सोचा नहीं था। यह कहना है पिसावा निवासी 68 वर्षीय सेवानिवृत्त अध्यापक कारे सिंह तोमर का। सड़क पर पसरे सन्नाटे को देखकर वे कहते हैैं कि हजारों लोग इस रास्ते से पैदल व वाहनों से निकलते थे। दर्जनों स्कूलों के बच्चे चहकते हुए गुजरते थे। दुकानों पर सुबह से रात तक भीड़ रहती थी। अब हर तरफ सन्नाटा है। कोतवाली में भी लोगों का आवागमन न के बराबर है। कुछ लोग काम-धंधे को लेकर परेशान हैैं, लेकिन सबको समझना चाहिए कि जान है तो जहान है। लॉकडाउन संक्रमण को रोकने में सहायक सिद्ध होगा। लॉकडाउन के बहाने लोगों को परिवार के साथ बैठने-उठने का मौका मिल रहा है। सभी को समझना चाहिए कि ये ऐतिहासिक फैसला लोगों के जीवन रक्षा के लिए लिया गया है। जो लॉकडाउन का पालन नहीं कर रहे, उन्हें जागरूक होना चाहिए। जिस तरह अन्य देशों में स्थिति भयावह हो चुकी है, हमारे प्रधानमंत्री मोदी ने सही समय पर फैसला लिया है। अगर स्थिति कहीं बिगड़ी है तो लोगों की लापरवाही जिम्मेदार होगी। सबको धैर्य रखना चाहिए। सामाजिक रूप से जिम्मेदार बनकर स्थिति से उबरने का प्रयास करना चाहिए।