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हाथरस में मदिरालयों पर लगेंगे जल्द पीओएस सिस्टम, जानिए POS System से कैसे होगा फायदा

हाथरस समेत पूरे यूपी में मदिरालयों की दुकान पर पीओएस यानी प्वाइंट आफ सेल सिस्टम लगाए जाएंगे। इनके लगने के बाद से न सिर्फ ग्राह को मिलने वाली शराब की क्वालिटी भी चेक हो सकेगी साथ ही ग्राहक भी मदिरालय से बिल भी पा सकेगा।

By Sandeep SaxenaEdited By: Published: Mon, 16 Nov 2020 12:36 PM (IST)Updated: Mon, 16 Nov 2020 12:36 PM (IST)
हाथरस में मदिरालयों पर लगेंगे जल्द पीओएस सिस्टम, जानिए POS System  से कैसे होगा फायदा
शराब के नकली उत्पाद को बेचने से भी रोका जाएगा, क्योंकि नकली उत्पादों का बिल नहीं बन पाएगा।

हाथरस, जेएनएन। हाथरस समेत पूरे यूपी में मदिरालयों की दुकान पर पीओएस यानी प्वाइंट आफ सेल सिस्टम लगाए जाएंगे। इनके लगने के बाद से न सिर्फ ग्राह को मिलने वाली शराब की क्वालिटी भी चेक हो सकेगी साथ ही ग्राहक भी मदिरालय से बिल भी पा सकेगा। ये व्यवस्था जल्द ही शुरू कर दी जाएगी। इससे शराब के नकली उत्पाद को बेचने से भी रोका जाएगा, क्योंकि नकली उत्पादों का बिल नहीं बन पाएगा। 

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 यह है पीओएस सिस्‍टम

बता दें कि इससे पहले आबकारी विभाग की ओर से बार कोडिंग की व्यवस्था लागू की थी जिसमें माल कहां पर बना, कहां से थोक दुकानदार के पास दुकान तक आया। शराब का ब्रांड और उसकी निर्माण तिथि का ब्यौरा होता है। बार कोड स्कैनर से कोड को स्कैन कर कोई भी दुकानदार या ग्राहक इस ब्यौरे को देख सकता है। 

जिला आबकारी अधिकारी सुबोध कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि ग्राहकों को सही रेट में सही माल मिल सके। इससे शराब के नकली उत्पाद को बेचने से भी रोका जाएगा, क्योंकि नकली उत्पादों का बिल नहीं बन पाएगा। जिले में कुल 119 दुकानें हैं। 

कहीं भी देख सकते हैं ब्यौरा 

मदिरा के शौकीनों को अब क्वार्टर, हाफ और बोतल का बिल मिलेगा। इसमें जानकारी होगी। ये बिल कंप्यूटर से चलने वाली एक मशीन से बनेगा। यानी सबकुछ ऑन लाइन होगा। किसी भी दुकान की खरीद-बिक्री का ब्यौरा हाथरस से कानपुर तक कभी भी देखा जा सकेगा। जिला आबकारी अधिकारी के अनुसार इस सिस्टम को लगाने में देहात में इंटरेट आदि की दिक्कत भी आ सकती है। इसलिए शुरूआत में शहर के बड़े मदिरालयों से की जाएगी। 

अगले साल से देसी शराब, अंग्रेजी शराब, बीयर और मॉडल शॉप पीओएस सिस्टम पूरी तरह से लागू हो जाएगा। हालांकि ये व्यवस्था सितंबर, अक्टूबर से लागू की जानी थी मगर कोरोना के कारण इसमें थोड़ी सी देरी हो रही है। 

- सुबोध कुमार श्रीवास्तव , जिला आबकारी अधिकारी।


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