सुरक्षा में लगी पुलिस बेखबर रात में भाग गए प्रवासी Aligarh news
शहर में ठहरे 100 से अधिक प्रवासी सोमवार रात में पलायन कर अपने जिलों को चले गए। पुलिस-प्रशासनिक अफसरों को भी भनक तक नहीं लगी।
अलीगढ़ जेएनएन : शहर में ठहरे 100 से अधिक प्रवासी सोमवार रात में पलायन कर अपने जिलों को चले गए। पुलिस-प्रशासनिक अफसरों को भी भनक तक नहीं लगी। सुरक्षा में लगी पुलिस को भी जानकारी नहीं हो पाई। प्रवासी लोग व्यवस्थाओं से संतुष्ट नहीं थे। रात उन्होंने अपने घर जाने का फैसला लिया। हालांकि, प्रशासन सभी लोगों के लिए भरपूर इंतजाम होने का दावा कर रहा है।
दूर दराज से आए थे सभी
लॉकडाउन के बाद दिल्ली-नोएडा समेत अन्य शहरों में काम करने वाले प्रवासी अपने घरों को निकल पड़े। अधिकांश लोग पैदल ही जा रहे थे। कुछ को पुलिस-प्रशासन ने गाडिय़ों से पहुंचा दिया। इसके बाद सीएम योगी ने आदेश जारी कर दिया। इसमें निर्देश दिए गए कि जो व्यक्ति जहां है, वह वहीं रहेगा। ऐसे में बरेली, आजमगढ़, बदायूं समेत अन्य जिलों के लोग भी यहां फंस गए। पुलिस-प्रशासन ने इन लोगों को शहर के विभिन्न स्थानों पर ठहरा दिया। सूत्रों की मानें तो शहरी क्षेत्र में सौ से अधिक प्रवासी रोके गए। 200 से अधिक लोग देहात क्षेत्र में शामिल थे। सबसे अधिक अकराबाद क्षेत्र के एक कॉलेज में थे। सोमवार रात को ही अधिकांश लोग बिना बताए अपने घरों में चले गए है। दैनिक जागरण ने मंगलवार को पड़ताल की तो पता चला कि जिन स्थानों पर मजदूर रोके गए थे, वहां ताले पड़ गए। जब अफसरों से इस संबंध में बात की गई तोस्पष्ट जवाब नहीं दे सके। पुलिस अफसरों का कहना है कि दूरदराज जिलों के कई लोग अब भी यहीं रुके हैं। जो पास के जिलों के थे, वे चले गए होंगे।
दैनिक जागरण के चार सवाल
क्या कैंपों में रोके गए लोगों की देखभाल के लिए किसी की तैनाती नहीं की गई थी? थाने के पास स्थित कैंपों से प्रवासी चले गए और पुलिस को भनक तक क्यों नहीं लगी? कैंपों में खाने-पीने व रहने के प्रबंध थे तो प्रवासी क्यों चले गए? अगर किसी को सुरक्षा की जिम्मेदारी दी गई तो प्रवासियों के भागने के बाद उसके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की गई?