Hathras News : गेट बंद कालोनी की गलियों में नहीं लगे पोल, झूल रहीं लाइनें बन रही हादसे का सबब
Hathras News हाथरस के मेंडू रोड स्थित रेलवे क्रासिंग गेट के पास बनी प्रकाश टैक्सटाइल्स गेट बंद कालोनी है। यहां गलियों में पोल नहीं होने से तार हर वक्त झूलते रहते हैं जो हादसों का सबब बन सकते हैं। इनके चलते विद्युत आपूर्ति बाधित होती रहती है।
हाथरस, जागरण संवाददाता। Hathras News : मेंडू रोड स्थित रेलवे क्रासिंग गेट के पास बनी प्रकाश टैक्सटाइल्स गेट बंद कालोनी हैं। कालोनी की गलियों में पोल नहीं होने से लाइन झूल रही हैं। इनमें आए दिन फाल्ट होते रहने से विद्युत आपूर्ति की समस्या बनी रहती है।
एक हजार की आबादी
Prakash Textiles Colony रेलवे क्रासिंग गेट से मात्र 50 मीटर की दूरी पर बनी हुई है। इसके सामने मंडी समिति के लिए सड़क मार्ग बना हुआ है। यह एक गेट बंद कालोनी है। इसमें करीब एक हजार की आबादी होगी। इसमें बनी गलियों में से करीब पांच गलियां अभी भी कच्ची पड़ी हुई हैं। पानी निकासी का साधन नहीं होने से इनमें जलभराव बना रहता है। बारिश के दिनों में तो जलभराव होने से यहां रास्ता निकलना भी मुश्किल हो जाता है।
पेयजल की कोई व्यवस्था नहीं
स्थानीय लोगों ने बताया कि Municipality द्वारा पानी के लिए बिछाई गई पाइपलाइन में अधिकतर जगह पानी ही नहीं आ रहा है। वहीं हैंडपंप की भी कोई व्यवस्था नहीं है। गलियों में पोल नहीं होने से लाइन काफी नीचे तक झूल रहीं हैं। बंदरों के चलते इनमें आए दिन फाल्ट होने होने बिजली की समस्या बनी रहती है। सफाई भी नियमित नहीं होती हैं। जनसुविधाएं भी पालिका द्वारा नहीं दी गई हैं।
पब्लिक बोल
पोल नहीं होने बिजली की आपूर्ति दूर से लगे पोल से आ रही है। इसे बंदर तोड़ देते हैं। कई घरों की बिजली इसके चलते बाधित रहती है। कोई सुनवाई नहीं होती।
- अरविंद चौहान, स्थानीय निवासी
गेट बंद कालोनी के नाम पर यह सिर्फ दिखावा है। गलियों में सड़क तक लोगों ने अपने पैसों से बनवाई हैं। अभी भी सुविधाओं के नाम पर कालोनी में कुछ नहीं हैं।
- रामनारायण शर्मा, स्थानीय निवासी
कालोनी करीब 15 वर्ष पहले बनी थी। सड़क, पेयजल, बिजली की समस्या यहां बनी हुई है। पालिका द्वारा भी यहां अपेक्षा के अनुरूप कार्य नहीं कराए गए।
- मुरारी लाल अग्निहोत्री, स्थानीय निवासी
इनका कहना है
40 मीटर से अधिक दूरी के कनेक्शन विभाग द्वारा नहीं दिए जाते हैं। अब यदि ऐसे कनेक्शन हैं तो इसका एस्टीमेट बनेगा। उसका निर्धारित शुल्क जमा कराने के बाद वहां पोल लगा दिए जाएंगे।
- अभिषेक सिंह, अधिशासी अभियंता शहरी क्षेत्र