एएमयू में पढ़े दंपती के हाथों पीएम को मिला था मार्केटिंग गुरु अवार्ड, राहुल ने किया ट्वीट
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मिले फिलिप कोट्लर प्रेसिडेंशियल (मार्केटिंग गुरु) अवार्ड का अलीगढ़ से भी नाता रहा है।
अलीगढ़ (जेएनएन) । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मिले 'फिलिप कोट्लर प्रेसिडेंशियल (मार्केटिंग गुरु) अवार्ड' का अलीगढ़ से भी नाता रहा है। प्रधानमंत्री को इस पुरस्कार को देने वाले टीम में शामिल डॉ. तौसीफ जिया सिद्दीकी व उनकी पत्नी डॉ. अना खान सर सैयद नगर के रहने वाले हैं। दोनों ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से पढ़ाई की है और फिलहाल सऊदी अरब में नौकरी कर रहे हैं। फिलिप कोट्लर की ओर से वह पुरस्कार देने सऊदी अरब से दिल्ली आए थे। इस पुरस्कार पर किए गए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के ट्वीट के बाद सोशल मीडिया पर बहस छिड़ी हुई है। अलीगढ़ की कंपनी की ओर से पुरस्कार देने तक की बात कही जा रही है।
डॉ तौसीफ ने किया है एएमयू से बीटेक
डॉ. तौसीफ जिया सिद्दीकी के पिता जियाउद्दीन सिद्दीकी एएमयू के वनस्पति विज्ञान विभाग में प्रोफेसर थे, जिनका इंतकाल हो चुका है। डॉ. तौसीफ ने एएमयू से बीटेक, आइआइटी धनबाद से एमटेक व पीएचडी की। उनकी पत्नी डॉ. अना खान ने एएमयू से एमबीए किया है। तौसीफ सऊदी अरब की सेफको कंपनी में इंजीनियर हैं। डॉ. सना वहीं किसी कॉलेज में पढ़ाती हैं। डॉ. तौसीफ के छोटे भाई डॉ. फैसल जिया एएमयू के केमिकल इंजीनियङ्क्षरग विभाग में शिक्षक हैं। डॉ. फैसल के अनुसार प्रधानमंत्री मोदी को 14 जनवरी को वल्र्ड मार्केटिंग समिट ग्रुप के तहत 'फिलिप कोट्लर प्रेसिडेंशियल अवार्ड' दिया गया।
मोदी को दी बधाई
फिलिप कोट्लर के निर्देश पर डॉ. तौसीफ इस पुरस्कार को देने के लिए पत्नी के साथ सऊदी अरब से दिल्ली आए थेे। बिजनेस एक्सपर्ट प्रो. जगदीश सेठ भी उनके साथ थे। पुरस्कार को लेकर शुरू हुए विवाद के बाद फिलिप कोट्लर ने ट्वीट के जरिए पीएम मोदी को पुरस्कार के लिए बधाई दी और पुरस्कार देने की पुष्टि की।
अलीगढ़ में नहीं कंपनी का ठिकाना
वल्र्ड मार्केटिंग समिट ग्रुप हर साल दुनिया के अलग-अलग देशों में फिलिप कोट्लर मार्केटिंग फोरम का आयोजन करती है। भारत में 14 दिसंबर 2018 में फोरम का आयोजन किया गया था। उसके लिए भारत में ससलेंस रिसर्च इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट के साथ हाथ मिलाया था, जो छह सितंबर 2017 को अस्तित्व में आई।
ये कैसा है पुरस्कार
अलीगढ़ के दोदपुर में मौजूद ससलेंस कंपनी कानपुर में पंजीकृत बताया है। पुरस्कार को लेकर उठे सवालों में यही कहा गया है कि जब किसी कंपनी का अस्तित्व ही नहीं तो पुरस्कार कैसा? दैनिक जागरण ने संबंधित कंपनी के पते 51 अहमदनगर, दोदपुर (सिविल लाइन) पर पता किया तो वहां कंपनी नहीं मिली। यह मकान जिनका है, उन्होंने इस तरह की किसी कंपनी के संचालन से इन्कार किया है।
क्यों मिला पीएम मोदी का अवार्ड?
फिलिप कोट्लर अवार्ड की वेबसाइट के अनुसार मार्केटिंग, कम्युनिकेशन व बिजनेस मैनेजमेंट की दुनिया में अपनी छाप छोडऩे वालों को सम्मानित करने के लिए यह अवार्ड दिया जाता है। पीएम मोदी ने सोशल मीडिया के जरिये बताया कि उन्हें देश की निस्वार्थ सेवा, आर्थिक व सामाजिक तौरपर देश का विकास करने के लिए यह अवार्ड दिया गया। भारत में यह अवार्ड पहली बार किसी को दिया गया है।
राहुल गांधी का तंज
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सोशल मीडिया पर इसे लेकर तंज कसा। उन्होंने ट्वीट किया, 'प्रधानमंत्री मोदी को फिलिप कोट्लर प्रेसिडेंशियल अवार्ड मिलने की बधाई, ये इतना जाना माना अवार्ड है कि इसके लिए न तो कोई ज्यूरी है, न ही पहले कभी किसी को दिया गया है और इसके पीछे अलीगढ़ की एक कंपनी है, जिसका नाम आज तक कोई नहीं जानता।' इसके बाद स्मृति ईरानी के इसके जवाब में लिखा, 'ये टिप्पणी एक ऐसे व्यक्ति की है, जिनके परिवार ने खुद ही भारतरत्न लेने का फैसला लिया था।'