PM Dream Project: गरीबों के सपनों पर फिरा 'पानी', जानिए वजह Aligarh News
पीएम के ड्रीम प्रोजेक्ट पीएम आवास योजना में गांव-गरीब की उम्मीद पर पानी फिर रहा है। गांव की 25 लाख की आबादी में चार साल में महज दो हजार परिवारों को ही आवास मिल सका है।
अलीगढ़ (जेएनएन)। पीएम के ड्रीम प्रोजेक्ट 'पीएम आवास योजना' में गांव-गरीब की उम्मीद पर पानी फिर रहा है। गांव की 25 लाख की आबादी में चार साल में महज दो हजार परिवारों को ही आवास मिल सका है। 10 हजार के करीब परिवार पात्र होने के बाद भी आवास नहीं पा सके। इसका कारण रहा कि इनका नाम 2011 की आर्थिक एवं सामाजिक जनगणना में नहीं है।
हर बेघर को मिलेगा घर
केंद्र सरकार ने 2015 में प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण की शुरुआत की थी। तय किया कि 2022 तक हर बेघर को आवास देना है, लेकिन इसमें शर्तों का दायरा काफी विस्तृत रखा गया। 2011 की आर्थिक एवं सामाजिक जनगणना में शामिल लोगों को ही इसका लाभ मिलने की बात कही । 2016-17 में हर जिले से जनगणना के आधार पर पात्रों का चयन किया। जिले में पहली साल 980 लाभार्थियों का चयन किया। लोगों को उम्मीद जगी कि उनका नाम भी इस सूची में होगा, लेकिन जब सूची देखी गई तो अधिकांश पात्रों के नाम सूची में नहीं थे। इसका कारण था कि उनका नाम आर्थिक एवं सामाजिक जनगणना में नहीं था।
महज दो हजार आवास
चार साल में अब तक महज दो हजार लोगों को ही इस योजना का लाभ मिला है, जबकि देहात क्षेत्र में आबादी 25 लाख से अधिक है। वहीं, शहरी क्षेत्र में 15 लाख की आबादी है। यहां पर इतने ही समय में 35 हजार से अधिक लोगों को लाभ मिल चुका है। शहरी क्षेत्र में जनगणना में नाम होने की अनिवार्यता नहीं है।
इस तरह मिलता है लाभ
एक आवास के लिए 1.20 लाख की धनराशि, 90 दिनों की मनरेगा मजदूरी व शौचालय के लिए 12 हजार मिलते हैं। पात्रता में जनगणना सूची में नाम के साथ ही सालना आय 36 हजार से कम या कच्चा आवास में निवास होना चाहिए।
इस तरह आए हैं आवास
वित्तीय वर्ष, आवास संख्या
2016-17, 980
2017-18, 334
2018-19, 442
2019-20, 255
10 हजार मिले पात्र
पिछले दिनों ग्राम्य विकास एवं अभिकरण विभाग ने एक सर्वे कराया था। ऐसे लोगों को चिह्नित किया गया जिनका नाम इस जनगणना सूची में नहीं था और वह हकीकत में बेघर हैं। इसमें सरकार के हर व्यक्ति को घर देने के दावे की पोल खुल गई। 10 हजार से ज्यादा पात्र परिवार मिले। विभाग ने इनकी सूची शासन को भेजी, लेकिन अब तक कोई स्वीकृति नहीं मिली।
जनगणना के मुताबिक मिल रहा आवास
परियोजना अधिकारी सचिन कुमार का कहना है कि सरकार अभी 2011 की जनगणना के हिसाब से आवास दे रही हैं। यहां से इस सूची से बाहर के लोगों के भी नाम भेजे गए हैं। वहां से स्वीकृति मिलते ही इनके आवास भी आवंटित हो जाएंगे।