अलीगढ़, संदीप सक्सेना। फाइलों में सड़कों के गड्ढे भरने का पांच प्रतिशत का ही शेष रहने के दावे भले ही किए जा रहे हों, लेकिन गांव तो छोड़िए शहर की सीमा की सड़कों की भी हालत दयनीय है। कई सड़कों का नवीनीकरण तो दूर उनके गड्ढे भी नहीं भरे गए हैं। जो भरे गए हैं, वे 24 घंटे भी नहीं चल पाए है। शहर से सटे खेरेश्वर चौराहे व ग्रामीण क्षेत्र की सड़कें अफसरों के दावों की चुगली कर रही हैं।
पूर्व विधायक के पौत्र के तिलकोत्सव पर भरे थे गड्ढे
खेरेश्वर चौराहे पर उस समय गड्ढे भरे गए थे, जब पूर्व विधायक दलवीर सिंह के पौत्र विजय सिंह के तिलकोत्सव में माननीय आने वाले थे। दस घंटे बाद ही गड्ढे खाली हो गए। रोड़ी इधर-उधर बिखरने लगी तो 25 नवंबर को मुख्यमंत्री के आगमन से एक दिन पूर्व खेरेश्वर चौराहे पर गड्ढों को भरने का काम शुरू हो गया था। अलीगढ से गौंडा जाने वाले मार्ग में गड्ढे ही गड्ढे थे, जिन्हें कुछ दिन पूर्व से ही भरना शुरु कर दिया मगर ये भरने का तरीका मात्र एक बहकावा था। बड़े गड्ढों को भर दिया गया और छोटे छोड़ दिए। नाम मात्र को सफाई कर रेत में ही रोड़ी बिछा दी गई।
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नहीं बनी सड़क, हार कर बैठ गए ग्रामीण
इगलास तहसील क्षेत्र में गांव नगला चंद्राम के मजरा जल्हू के लिए इगलास गौंडा मार्ग से लिंक मार्ग जाता है। 2003 में सांसद बिजेंद्र सिंह ने सड़क का डामरीकरण कराया था। आज सड़क की हालत यह हैं कि कहीं भी डामर नजर नहीं आती है। सड़क से निकली गिट्टियां राहगीरों को जख्म देती हैं। बारिश होने पर हालत कच्चे दगड़े से भी ज्यादा खराब हो जाता है। रोड बनवाने के लिए ग्रामीणों ने जनप्रतिनिधियों से लेकर प्रशासनिक अधिकारियों को चक्कर लगा चुके हैं। गांव के विष्णु गौतम, बिजेंद्र सिंह, लालाराम, पवन ने बताया कि सड़क बनवाने के लिए न तो जनप्रतिनिधि सुनवाई कर रहे हैं, न अधिकारी। इसलिए वे हारकर बैठ गए हैं।
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भरे गड्ढों से निकली रोड़ी
अतरौली तहसील क्षेत्र में सांकरा-नगला भूड़ वाया नानऊ रोड पर गड्ढे भरने के बाद गिट्टी बाहर निकलने लगी हैं। कई स्थानों पर गड्ढे छोड़ दिए गए हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि जल्दबाजी के साथ गुणवत्ता का ध्यान नहीं दिया जा रहा है। बरसात में इन सड़कों की हालत पहले जैसी हो जाएगी। हरदुआगंज से रामपुर व कासिमपुर होते हुए जवां जाने वाले मार्ग पर स्टेशन तक रोड की हालत खराब है। इस रोड के नवीनीकरण के लिए 1.83 करोड़ का बजट स्वीकृत हो चुका है । अभी तक टेंडर प्रक्रिया पूरी नहीं हुई है, इस वजह से काम शुरू नहीं हो सका है।
ये चार सड़कें अफसरों की खोल रहीं पोल
- खेरेश्वर चौराहे के उखड़े गड्ढे और अतरौली क्षेत्र की सड़कों की स्थिति दयनीय
- अलीगढ़-गौंडा, सांकरा- भूड़ का नगला व अन्य मार्गों की हालत खराब
- लोक निर्माण विभाग का दावा पांच प्रतिशत सड़कें रह गई हैं
- 882 किलोमीटर में 838 किमी सड़कों को गड्ढामुक्त करने का दावा
विभाग का दावा
882 किलोमीटर सड़कों में गड्ढे भरने का लक्ष्य 15 नवंबर तक दिया गया था। 15 नवंबर तक 80 प्रतिशत काम ही पूरा हो पाया था। काम शेष रह जाने पर शासन ने 30 नवंबर तक समय बढ़ा दिया था। अफसरों का दावा है कि हमने शहर और देहात क्षेत्र में 95 प्रतिशत सड़कों के गड्ढे भर दिए हैं। अफसरों की मानें तो 838 किलोमीटर सड़कों के गड्ढे भरे जा चुके हैं। उनके हिसाब से 44 किलोमीटर सड़कों के गड्ढे रह गए हैं।
सांकरा-नगला भूड़ वाया नानऊ रोड पर गड्ढे भरने के बाद गिट्टी निकल रही हैं। पहले जैसी सड़क होती जा रही है। बरसात में हालत और खराब हो जाएगी।
उमेश यादव, दादों
सड़कों के गड्ढे छो़ड़कर भरे जा रहे हैं। इसमें कई बड़े गड्ढे रह गए हैं। कुछ सड़कें ऐसी हैं जिन पर गिट्टी डालने के बाद डामरीकरण नहीं किया गया है।
दानिश खान, दादों
सड़कों के गड्ढे भरने का काम जारी है। अधिकांश सड़कों के गड्ढे भरे जा चुके हैं। जिन पर रह गए हैं, उन्हें निर्धारित समय में भर दिया जाएगा।
एसके पुष्कर, अधिशासी अभियंता, पीडब्ल्यूडी