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More road accidents than murders:हत्याओं से ज्यादा सड़क पर जान गवां रहे लोग, ये है वजह Aligarh news

सड़कें मंजिल का पता देती हैं और रिश्तों को जोडऩे का सबब भी बनती हैं लेकिन अक्सर इन्हीं सड़कों पर वाहन चालकों की लापरवाही मातम में तब्दील हो जाती है।

By Sandeep SaxenaEdited By: Published: Tue, 23 Jun 2020 10:14 AM (IST)Updated: Wed, 24 Jun 2020 07:50 AM (IST)
More road accidents than murders:हत्याओं से ज्यादा सड़क पर जान गवां रहे लोग, ये है वजह Aligarh  news
More road accidents than murders:हत्याओं से ज्यादा सड़क पर जान गवां रहे लोग, ये है वजह Aligarh news

अलीगढ़ [जेएनएन ]: सड़कें मंजिल का पता देती हैं और रिश्तों को जोडऩे का सबब भी बनती हैं लेकिन अक्सर इन्हीं सड़कों पर वाहन चालकों की लापरवाही मातम में तब्दील हो जाती है। तब सड़कें बेरहम हादसों की साक्षी बनकर हत्याओं से भी तीन गुना से ज्यादा तादाद में लोगों को जान गंवाते हुए देखती हैं। जिले में अपराधियों ने पिछले एक वर्ष में जितनी हत्याएं की हैं उससे अधिक लोगों की मौत सड़क दुर्घटनाओं में हुई है। पुलिस के आंकड़ों को मानें तो पिछले वर्ष जनवरी से दिसंबर के बीच जिले में आपराधिक वारदातों में कुल 168 हत्याएं हुईं। जबकि, सड़क हादसों में 391 लोगों की अकाल मौत हो गई। इस साल जनवरी से 20 जून तक 48 लोगों की हत्या हुईं। जबकि सड़क हादसों का ग्राफ देखें तो जनवरी से अब तक छह माह में ही 232 लोगों की मौत हो चुकी है। इसमें भी 150 से अधिक लोगों की मौत बाइक दुर्घटना में हुई है। इसमें बाइक सवार के साथ सह यात्री भी शामिल हैं।

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हादसे बताकर नहीं आते... हेलमेट पहनकर चलिए

सड़क हादसों में जान गंवाने वाले सबसे अधिक बाइक सवार थे, जो बिना हेलमेट ही बाइक चला रहे थे। इसमें 20 से 30 प्रतिशत ऐसे भी मामले हैं, जिसमें एक ही बाइक से दो से तीन लोगों की मौत हुई है। किसी ने भी हेलमेट नहीं पहना था। तेज रफ्तार और हेलमेट नहीं पहनना मौत का सबसे बड़ा कारण है। इसके बावजूद लोग सबक नहीं ले रहे हैं। वहीं, जब किसी व्यक्ति की हत्या हो जाती है तो मृतक के परिवार के साथ पूरा मुहल्ला रोड पर आ जाता है। कानून-व्यवस्था को लोग कोसने लगते हैं, लेकिन की सुरक्षा को नजर अंदाज करते हैं। किसी भी परिवार के लिए सड़क हादसे वज्रपात की तरह होते हैं। नेशनल हाईवे से लेकर शहरों के भीतर की सड़कों पर अनगिनत दुर्घटनाएं होती हैं। आंकडों पर गौर करें तो प्रदेश भर में सर्वाधिक 8367 दुर्घटनाएं नेशनल हाईवे पर हुईं। स्टेट हाईवे पर 5999 और एक्सप्रेस-वे पर 283 हादसे दर्ज किये गए। पुलिस के शोध में यह बात सामने आई कि सर्वाधिक 48 प्रतिशत सड़क हादसे वाहन चालकों की गलती से होते हैं। इनमें भी ज्यादातर जिम्मेदार ट्रक चालक होते हैं। या तो वाहन चालक तेज गति से चलते हैं या फिर नशे में होते हैं। कई बार ओवरटेक करने के प्रयास में आपस में भिड़ जाते हैं।

बिखर जाता हंसता-खेलता परिवार

सड़क हादसे हंसते-खेलते परिवार को सड़क पर ला देते हैं। कुछ सौभाग्यशाली होते हैं। जिनकी हादसों में जान सुरक्षित बच जाती है पर कुछ ऐसे भी होते हैं जो जान बचाने के बाद भी अपाहिज जीवन जीने को मजबूर होते हैं। सड़क हादसों में औसतन 30 से 32 लोग अपाहिज हो जाते हैं।

जिले के किलर प्वाइंट

हाईवे पर दौरऊ मोड़, कटरा मोड़, सोमना मोड़, बरौली मोड़, भरतरी, खेरेश्वर चौराहा, मथुरा रोड, क्यामपुर, बरौठा नहर, ताला नगरी, कस्बा अकराबाद, गोपी मोड़, यमुना एक्सप्रेस वे टप्पल इंटरचेंज, जट्टारी, गौमत चौराहा, साधु आश्रम, अतरौली चौराहा, गंगीरी चौराहा।

पांच सालों में सड़क हादसों का विवरण

वर्ष, हादसे, मृतक, घायल, बिना हेलमेट, चार पहिया

2016, 790, 438,639,231, 219

2017, 882, 580,392, 419,281

2018, 507, 417, 298,301, 218

2019, 489, 391, 201, 198, 193

2020, 327, 232, 233, 169, 63

(आंकड़े : 22 जून 2020 तक स्रोत ट्रैफिक पुलिस)

सड़क हादसों को रोकने के लिए वाहन चालकों को जागरूक करने के लिए समय-समय पर अभियान चलाए जाते हैं। सड़क सुरक्षा सप्ताह में भी चालकों को विभिन्न माध्यमों के जरिए सुरक्षित वाहन संचालन के लिए प्रेरित किया जायेगा।

- अजीजुल हक, एसपी ट्रैफिक

अभियान : पहला दिन - प्रदूषण जांच केंद्रों का निरीक्षण

सड़क सुरक्षा सप्ताह के पहले दिन संभागीय निरीक्षक विपिन कुमार ने जिले भर के प्रदूषण जांच केंद्रों का निरीक्षण कर वाहन चालकों को सड़क सुरक्षा नियमों की जानकारी दी गई। वाहन एजेंसी व डीलरों के अलावा प्रदूषण केंद्रों पर सड़क सुरक्षा संबंधी प्रचार-प्रसार किया गया। साथ ही उनके सहयोग से शहर के मुख्य स्थलों व चौराहों पर सड़क सुरक्षा का प्रचार- प्रसार किया गया।

आज का अभियान : हेलमेट व सीट बेल्ट के प्रति किया जायेगा जागरूक

सड़क सुरक्षा सप्ताह के दूसरे दिन मंगलवार को शहर व ग्रामीण क्षेत्रों में वाहन चालकों को हेलमेट व सीट बेल्ट के प्रयोग को लेकर जागरूक करने का अभियान चलाया जायेगा।


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