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अलीगढ़ में कोविड-19 की सैंपलिंग से बच रहे लोग, जानिए क्यों? Aligarh news

कुछ माह पहले की ही बात है जब कोरोना के संदिग्ध मरीज जांच के लिए अस्पतालों के चक्कर काटते थे। नेताओं व अफसरों की सिफारिश तक लगवानी पड़ती थीं तब जाकर जांच हो पाती थी। कई बार तो परेशान होकर जांच कराने का इरादा ही छोड़ देते थे।

By Anil KushwahaEdited By: Published: Thu, 03 Dec 2020 11:17 AM (IST)Updated: Thu, 03 Dec 2020 11:17 AM (IST)
अलीगढ़ में कोविड-19 की सैंपलिंग से बच रहे लोग, जानिए क्यों?  Aligarh news
लोगों के सैंपल न कराने से लक्ष्य पूरा करने में काफी परेशानी हो रही है।

अलीगढ़, जेएनएन : कुछ माह पहले की ही बात है, जब कोरोना के संदिग्ध मरीज जांच के लिए अस्पतालों के चक्कर काटते थे। नेताओं व अफसरों की सिफारिश तक लगवानी पड़ती थीं, तब जाकर जांच हो पाती थी। कई बार तो परेशान होकर जांच कराने का इरादा ही छोड़ देते थे। ऐसे काफी लोग परेशान होकर जांच कराने का इरादा तक छोड़ देते थे, भले ही बाद में तबीयत बिगड़ने पर वे संक्रमित पाए गए हों।

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लोग जांच को तैयार नहीं

हैरत की बात ये है कि इन दिनों स्वास्थ्य विभाग की टीमें रैंडम सैंपलिंग के लिए खुद गांव-काॅलोनियों में पहुंच रही हैं, मगर लोग जांच को तैयार नहीं। इसे लेकर टीमों से अभद्रता तक हो रही है। डीएम तक मामला पहुंच गया है और उन्होंने मोबाइल टीमों को दो-दो पुलिस कर्मी देने के निर्देश भी दे दिए हैं। दैनिक जागरण ने इस मामले की पड़ताल की कि आखिर लोग क्यों अपनी जांच नहीं करा रहे? अब वजह  जो लोगों ने बताई वह बेहद चौंकाने वाली रही।

क्या कहा लोगों ने 

स्वर्ण जयंती नगर में बुधवार को सैंपलिंग को पहुंची मोबाइल टीम से एक युवक ने खूब अभद्रता की, पांच-छह घर छोड़कर संक्रमित मरीज पाए जाने के बाद भी वह सैंपल देने को तैयार नहीं था। काफी समझाने पर युवक सैंपल को तैयार हुआ। युवक ने सैंपलिंग के विरोध पर कहा कि पूर्व में कोविड मरीजों के लिए होम आइसोलेशन की सुविधा अनुमन्य थी। घर में अतिरिक्त कक्ष व तीमारदार होने पर मरीज को होम आइसोलेशन की इजाजत दे दी जाती थी। अब ऐसा नहीं है। सैंपलिंग कराते ही टीम आपको सरकारी अस्पातल में भर्ती करा देगी, जहां सुविधाओं को लेकर आए दिन हंगामे की सूचनाएं मिलती रहती हैं।  करीब सप्ताहभर पहले अतरौली के एक गांव में मोबाइल टीम को लोगों ने बैरंग लौटा दिया। ग्रामीणों ने कहा कि टीम आती है, जांज के बाद जैसे ही कोई मरीज पाॅजिटिव पाया जाता है, उसे तुरंत ही अस्पताल में भर्ती कराने के लिए गाड़ी बुला ली जाती है। लोग अस्पताल नहीं जाना चाहते। जबकि, होम आइसोलेशन की अनुमति नहीं है। ऐसे में तमाम लोग अब सैंपलिंग कराने से बचते हैं कि कहीं रिपोर्ट पाॅजिटिव आ गई तो अस्पताल जाना पड़ेगा। 

डीएम से लगाई गुहार 

स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने पिछले दिनों डीएम को इस मामले से अवगत कराया। डीएम ने स्पष्ट कह दिया कि होम आइसोलेशन खत्म होने के बाद कोरोना संक्रमण दर में काफी कमी आई है। ऐसे में अब किसी को होम आइसोलेशन की अनुमति नहीं दी जाएगी। बुधवार कोविड समीक्षा बैठक में भी डीएम व सीडीओ ने इस मुद्दे को गंभीरता से लिया। अधिकारियों से कहा कि ज्यादा से रैंडम सैपल लिए जाए। सभी सैंपल अब आरटीपीसीआर के लिए जाएंगे। अधिकारियों ने कहा कि लोगों के विरोध करने से लक्ष्य के अनुसार सैंपलिंग में दिक्कत हो रही है। डीएम ने कहा कि यदि टीमों को असुविधा हो रही है तो हर टीम के साथ अब कम से कम दो-दो पुलिस कर्मी दिए जाएं। 

 इनका कहना है

यह सही बात है कि लोगों के सैंपल न कराने से लक्ष्य पूरा करने में काफी परेशानी हो रही है। डीएम को अवगत करा दिया है। हर मरीज होम आइसोलेशन चाहता है, जो अब संभव नहीं। यह बंदिश कोरोना संक्रमम की रोकथाम के लिए लगाई गई है। टीमें आमजन के लिए सैंपल ले रही हैं। हम भी मरीजों का भला चाहते हैं। 

- डाॅ. बीपीएस कल्याणी, सीएमओ।


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