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गुजरात तकनीक से अलीगढ़ में पीपल के 200 पेड़ किए जाएंगे शिफ्ट

जीटी रोड को फोरलेन करने में आड़े आ रहे हैं पीपल के 200 पेड़।

By JagranEdited By: Published: Mon, 20 Aug 2018 09:45 AM (IST)Updated: Mon, 20 Aug 2018 09:45 AM (IST)
गुजरात तकनीक से अलीगढ़ में पीपल के 200 पेड़ किए जाएंगे शिफ्ट
गुजरात तकनीक से अलीगढ़ में पीपल के 200 पेड़ किए जाएंगे शिफ्ट

राजनारायण सिंह, अलीगढ़ : जीटी रोड को फोरलेन करने में आड़े आ रहे पीपल के 200 पेड़ों को भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) दूसरे स्थान पर शिफ्ट करेगा। ये पेड़ एटा जिले की सीमा में हैं, जो 10 से 20 साल पुराने हैं। वन विभाग ने इन्हें चिह्नित कर लिया है। बारिश के सीजन में ही इन्हें शिफ्ट किया जाना है।

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अलीगढ़ से कानपुर तक 282 किमी लंबे मार्ग को फोरलेन किया जाना है। केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्रालय से करीब डेढ़ वर्ष पूर्व अनुमति मिल गई। मार्ग छह चरण में बनेगा। इसका दिल्ली से कानपुर तक हाईवे से जुड़ाव हो जाएगा। जीटी रोड पर भूमि अधिग्रहण का काम तकरीबन पूरा हो चुका है। मंत्रालय ने एनएचएआइ को निर्देश दिया है कि मार्ग में आ रहे औषधि व फलदार पेड़ों को बचाने की कोशिश की जाए।

सितंबर में होगी पेड़ शिफ्ट करने की कार्रवाई

अलीगढ़ जिले में करीब 60 किमी तक जीटी रोड पर बबलू के पेड़ अधिक हैं, जो सटे हैं। उन्हें काटना पड़ेगा। एटा जिले की सीमा में पीपल के 200 पेड़ों एनएचएआइ शिफ्ट करने की तैयारी में है। 21 अगस्त को वन विभाग की फाइल लखनऊ जाएगी, वहां से एक हफ्ते में अनुमति मिल जाएगी। सितंबर के पहले हफ्ते से पेड़ों को शिफ्ट करने की शुरुआत होगी।

गुजरात की तकनीक का प्रयोग

एनएचएआइ और वन विभाग पेड़ों को शिफ्ट करने में गुजरात की तकनीकी का प्रयोग करेगा। वहां हाईवे के निर्माण के समय पेड़ व धार्मिक स्थल को दूसरे स्थानों पर शिफ्ट कर दिया जाता है। पहले पेड़ों की जड़ को आसानी से निकाला जाएगा। इसके बाद क्रेन से हटाया जाएगा। ये पीपल के पेड़ गांव और किसी पोखर के किनारे लगाए जाएंगे।

अक्टूबर से शुरू हो जाएगा काम

सितंबर में पेड़ों को शिफ्ट करने के बाद अक्टूबर से फोरलेन का काम शुरू हो जाएगा। अलीगढ़ में बौनेरे से फोरलेन किया जाना है। यहां भूमि अधिग्रहण का काम करीब पूरा हो गया है।

पर्यावरण का कम नुकसान होगा

परियोजना प्रबंधक पीपी सिंह ने बताया कि एटा में 200 पीपल के पेड़ चिह्नित किए गए हैं, जिन्हें शिफ्ट करने का काम सितंबर में शुरू होगा। अलीगढ़ सीमा में कोई पेड़ नहीं है। पूरी कोशिश है कि हाईवे निर्माण में पर्यावरण को कम से कम नुकसान पहुंचे।


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