डी-कंपोजर से सड़ेगी पराली, सुधरेगी माटी की सेहत
- किसानों को डी-कंपोजर का निश्शुल्क होगा वितरण।
जासं, अलीगढ़ : प्रदूषण का कारक मानी जा रही पराली खेतों के लिए संजीवनी बनेगी। बायो डी कंपोजर के जरिए किसान पराली को खेतों में आसानी से सड़ाकर खाद के रूप में प्रयोग कर सकेंगे। कृषि विभाग को किसानों को निश्शुल्क वितरित करने के लिए डी कंपोजर की 10 हजार बोतल मिली हैं।
जनपद में पराली जलाने के लगातार मामले सामने आ रहे हैं। मुकदमे भी दर्ज हुए, लेकिन घटनाओं पर अंकुश नहीं लग सका। अब कृषि विभाग ने समस्या का समाधान तलाश लिया है। उप कृषि निदेशक अनिल कुमार ने बताया कि बायो डी कंपोजर के जरिए पराली को आसानी से सड़ाकर खाद बनाया जा सकता है। 200 लीटर पानी में दो किलो गुड़ मिलाने के बाद एक बोतल डी कंपोजर को लकड़ी की मदद से घोला जाता है। सात दिन में छिड़काव के लिए कल्चर तैयार हो जाएगा। फिर स्प्रे मशीन से पराली पर छिड़काव किया जाए। 15 दिन में पराली सड़ने लगेगी और 25 दिन में खाद तैयार हो जाएगी। इस खाद का प्रयोग करने से खेत में जीवांश कार्बन की मात्रा बढ़ेगी, जो फसलों की पैदावार और मिट्टी की उर्वरा शक्ति बढ़ेगी। डी कंपोजर को विकास खंड वार वितरण किया जाएगा।