पंचायत चुनाव ने दे दिया फर्जीवाड़ा रोकने की व्यवस्था करने का समय, जानिए मामला Aligarh News
पंचायत चुनाव की तारीखों ने फर्जीवाड़े को रोकने की व्यवस्था बनाने का समय अफसरों को दे दिया है। ये फर्जीवाड़ा किसी विभाग या संस्था में नहीं बल्कि परीक्षाओं में किया जाता है। इसको पूरी तरह से रोकने के लिए जिले में पहली बार नई व्यवस्था की है।
अलीगढ़, जेएनएन। पंचायत चुनाव की तारीखों ने फर्जीवाड़े को रोकने की व्यवस्था बनाने का समय अफसरों को दे दिया है। ये फर्जीवाड़ा किसी विभाग या संस्था में नहीं बल्कि परीक्षाओं में किया जाता है। इसको पूरी तरह से रोकने के लिए जिले में पहली बार नई व्यवस्था की ओर कदम बढ़ाया गया है। होली के अवकाश के बाद नया सत्र शुुरू होने पर नई व्यवस्था के तहत काम भी शुरू कर दिया जाएगा। बात जब बड़ी परीक्षा के आयोजन का हो तो अफसरों की सजगता बढ़ ही जाती है। हालांकि परीक्षा की शुचिता को बरकरार रखने के लिए शासन व बोर्ड स्तर से पहले भी कदम उठाए गए हैं लेकिन फर्जीवाड़े को नेस्तनाबूत करने के लिए जिलास्तर पर अफसरों ने भी कमर कस ली है। प्रधानाचार्यों को इस संबंध मेें निर्देश भी जारी कर दिए गए हैं।
यह हैै मामला
दरअसल, यूपी बोर्ड परीक्षाएं पहले 24 अप्रैल से कराई जानी थीं। मगर पंचायत चुनाव की तिथि जारी होने के चलते परीक्षा कार्यक्रम को आगे बढ़ाया गया है। अब मई के पहले सप्ताह मेंं परीक्षाएं कराई जा सकती हैं। अफसरों को थोड़ा समय मिलता दिखा तो नया कदम उठा डाला। परीक्षाओं मेें पिछले सालों में फर्जी छात्र-छात्राओं के बैठने की प्रकरण सामने आते रहे हैं। आधार कार्ड मिलाने पर भी उनकी सही उम्र का पता नहीं लगाया जा पाता है। इसलिए जिलास्तर पर अफसरों ने बाहरी छात्रों के साथ 10वीं व 12वीं के आंतरिक परीक्षार्थियों के दस्तावेज विद्यालय में सुरक्षित रखने के निर्देश जारी किए हैं। अफसरों की टीमेें होली के बाद विद्यालयों मेें जाकर किन्हीं विद्यार्थियों के दस्तावेज चेक कर सकती है। ये दिखाना प्रधानाचार्य के लिए अनिवार्य होगा। माध्यमिक विद्यालयों में 10वीं व 12वीं में प्रवेश पाने वाले जनपद से बाहर के विद्यार्थियों का ब्योरा अफसरों के पास भेजा गया है। ये ब्योरा यूपी बोर्ड के पास भेज दिया गया है। मगर जिले के तमाम प्रधानाचार्यों ने अपने यहां प्रवेश लेने वाले बाहरी छात्रों का ब्याेरा उपलब्ध नहीं कराया है। विभागीय सूत्रों के अुनसार जिले के करीब 10 हजार छात्र-छात्राएं ऐसे हैं जिनका ब्योरा बोर्ड के पास अभी तक नहीं पहुंच पाया है। इनके परीक्षा देने पर खतरा मंडरा रहा है। क्योंकि ऐसे बाहरी विद्यार्थियों को परीक्षा से वंचित किया जाएगा, जिनका ब्योरा अफसरों व बोर्ड के पास नहीं जाएगा। पूर्व में भी बाेर्ड के पास ऐसे विद्यार्थियों की सूचना न पहुंचने से करीब 15 हजार परीक्षार्थियों का परिणाम बोर्ड ने रोक दिया था। मगर इस बार ऐसे छात्रों को परीक्षा में शामिल ही नहीं किया जाएगा। सूचना न देने वाले कॉलेजों पर मान्यता प्रत्याहरण की कार्रवाई भी की जाएगी।
कागजात अफसरों के पास जमा होंगे
जिले से बाहर के छात्रों को प्रवेश देने से पहले उनके शैक्षिक दस्तावेज, प्रमाणपत्र, आधार कार्ड आदि कागजात अफसरों के पास जमा कराए जाएंगे। साथ ही इस बार हर बाहरी छात्र को प्रवेश देने से पहले डीआइओएस से अनुमति लेना अनिवार्य किया गया है। पहले हाईस्कूल व इंटरमीडिएट में 10-10 छात्रों के बाद 11वें को प्रवेश देने पर अफसरों से अनुमति लेने की अनिवार्यता की गई थी। ये सख्ती बोर्ड की ओर से इसलिए की गई है जिससे विद्यालय संचालक केवल नकल कराने के उद्देश्य से किसी बाहरी छात्र को प्रवेश नहीं दे सकें।
दस्तावेज भी चेक किए जाएंगे
डीआइओएस डा. धर्मेंद्र कुमार शर्मा ने बताया कि विद्यालयों से बाहरी छात्रों की सूचना आई है। कुछ अभी भी बाहरी छात्रों के प्रमाणपत्र नहीं मुहैया करा रहे। दस्तावेजों के न पहुंचने के चलते अगर किसी विद्यार्थी का भविष्य खराब होता है तो संबंधित संस्थान इसका जिम्मेदार होगा। सभी को अंतिम चेतावनी जारी की जा चुकी है। बोर्ड परीक्षार्थियों के दस्तावेज भी चेक किए जाएंगे। जिन विद्यालयों से डेटा नहीं मिलेंगे उनके बाहरी छात्रों के आवेदन निरस्त कराकर उनके खिलाफ मान्यता प्रत्याहरण की संस्तुति कर दी जाएगी।