पंचायत भवन बना नहीं, लाखों डकार गए प्रधान व सचिव, नोटिस जारी कर मांगा गया जवाब
सरकार की मंशा है हर ग्राम पंचायत में विकास हो वह माडल के रूप में पहचान बनाए लेकिन प्रधान व सचिव की मिलीभगत से सरकार की मंशा पर पानी फेरा जा रहा है। जिले की 81 ग्राम पंचायतों में प्रधान व सचिव ने लाखों का बजट हजम कर लिया।
सुरजीत पुंढीर, अलीगढ़ । गांव-देहात में घपले-घोटाले किसी से छिपे नहीं है। अब पंचायत भवन के नाम पर बड़ी अनियमितताओं का पर्दाफाश हुआ है। जिले की 81 ग्राम पंचायतों में प्रधान व सचिव ने लाखों रुपये का बजट तो निकाल लिया, लेकिन पंचायत भवन का निर्माण नहीं किया। कई पंचायतों में निर्माण कार्य अधर में लटके हुए हैं। बीते दिनों ब्लाक स्तरीय अफसरों से इन पंचायतों का सत्यापन कराया तो पूरे मामले का पर्दाफाश हो गया है। अब सीडीओ अंकित खंडेलवाल के निर्देश पर डीपीआरओ ने सभी पंचायतों के प्रधान व सचिव को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। इसके बाद आगे की कार्रवाई का निर्णय होगा।
अलीगढ़ में 867 ग्राम पंचायत
जिले के 12 ब्लाकों में 867 ग्राम पंचायत हैं। केंद्र व राज्य सरकार इन पंचायतों में विकास कार्यों के लिए अलग-अलग बजट जारी करती है। बीते दिनों सभी जिलों को शासन स्तर से एक आदेश जारी किया गया था। इसमें पंचायत भवन यानि ग्राम सचिवालय की अनिवार्य रूप से स्थापना करने के निर्देश दिए गए, लेकिन जिले की पंचायतों के प्रधान व सचिव ने सचिवालय के नाम पर पैसे तो निकाल लिए, लेकिन निर्माण नहीं किया। कई पंचायतों में निर्माण को बीच में रोक दिया। इनकी जगह प्रधान इंटरलाकिंग व सीसी रोड का निर्माण कराने लगे। ऐसे में विभागीय अफसरों ने इन कामों को अनियमितताओं में माना है। संबंधित ग्राम पंचायतों को इसके लिए नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है। इसके बाद आगे की कार्रवाई होगी।
कहीं अधर तो कहीं शुरुआत भी नहीं
जिन ग्राम पंचायतों को नोटिस जारी किए गए हैं। इन सभी में पंचायत भवनों की अलग-अलग स्थिति है। कहीं पर काम की शुरुआत भी नहीं हुई तो कहीं पर अधर में काम लटका है। फर्श, लैटंर, प्लास्टर को लेकर भी कई गांव में काम लटके हुए हैं। अब जिले की संबंधित पंचायतों के प्रधान व सचिव को 29 जून से लेकर पांच जुलाई के बीच में बुलाया गया है। इन सभी से निर्माण कार्य में देरी व काम शुरू न करने के लिए जवाब मांगा गया है।
कंप्यूटर के भी हो गए भुगतान
शासन ने निर्देश दिए थे कि जिन पंचायतों में पंचायत भवन का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। उनमें आवश्यक रूप से कंप्यूटर खरीद लिए जाएं। पंचायत सहायक, प्रधान व सचिव इन्हीं में बैठकर सरकारी कामों को निपटाएं, लेकिन जिले में जिन पंचायतों में अब तक पंचायत भवन नहीं बने हैं, वहां भी कंप्यूटर के नाम पर भुगतान हो गए हैं। बिना कंप्यूटर लिए ही पैसा निकाल लिया गया है।
इन गांव को जारी हुए नोटिस
धनीपुर ब्लाक की मई, खैर की उदैगढ़ी, संग्रामपुर, मऊ, पलाचांद, पीपलगांव, मंगोला, कसीसों, चीती, मानखुर्द, बिजौली की आलीपुर, हरनोट, भोजपुर, बहोना कोटरा, नरूपुर, कंचनपुर, दीअलावपुर, छौगवां, सिंहपुरु, हिम्मतपुर, सांकरा, भमेारी खुद, हैबतपुर कोटरा, सिहानी फरीदपुर, रामपरु चंदियाना, चंडौस की गनेशपुर, जवां की पोखरगढ़ी, आलमपुर सुबकरा, फरीदपुर, सिकदंरपुर छेरत, अकराबाद की केलनपुर, कीरतपुर, मीरगढ़ी, अतरौली की भोगपुर, रायपुर दलपतपुर, डडार अजुपुर, सिंधौली, नगला हर्जी, जमनपुर, ओरनी दलपत, गंगीरी की माेहकमपुर पिथनपुर, पैंडरा, नवापुर, गालिबपुर, रहमपुर, भूडिया कसेर, भाय, सुनहरा, कासिमपुर, नौशा, सुनपहर, एदलपुर, गौड़ा की अहलाद बसई, नगला जीतू, गोरई, डिगसारी, नगला कुंजी, लोधा की भरतरी, नूरपुर, वाजिदपुर नादा, राना, करहला गौरवां, सिखारन, इगलास की मनीपुर, बहादुरपुर, सिमरधर, नगला अहिवासी, खेडि़या गुरदेव, बिचौला, पढील, कान चिरौलिया,हस्तपुर चंदफरी, बिदरका, अरनिया ख्वाजा राजू, गुरसैना, टप्पल की कंसेरा, आदमपुर, बाजौता, देवाका, रसूलपुर, पखौदना, हेतलपुर, जहानगढ़, मानपुर शामिल हैं।
इनका कहना है
शासन स्तर से ग्राम पंचायतों में प्राथमिकता से पंचायत भवन बनाने के निर्देश दिए हैं।कई पंचायतों ने इसके लिए ग्राम निधि से बजट भी निकाल लिया गया है, लेकिन अब तक पंचायत भवन पूरे नहीं बन सके हैं। कई ग्राम पंचायतों में काम की शुरुआत भी नहीं हुई है।
धनंजय जायसवाल, डीपीआरओ