Move to Jagran APP

अखिल भारतीय कायस्थ महासभा ने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए लगाए पंच शंकरी पौधे Aligarh news

भगवान चित्रगुप्त पार्क में पंच शंकरी पौधों का पौधरोपण किया गया। जिसमें कि कायस्थ पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना भी की गई।

By Parul RawatEdited By: Published: Mon, 14 Sep 2020 09:35 AM (IST)Updated: Mon, 14 Sep 2020 09:35 AM (IST)
अखिल भारतीय कायस्थ महासभा ने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए लगाए पंच शंकरी पौधे Aligarh news
अखिल भारतीय कायस्थ महासभा ने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए लगाए पंच शंकरी पौधे Aligarh news

अलीगढ़, जेएनएन। अखिल भारतीय कायस्थ महासभा रजी. 5680 की अोर से भगवान चित्रगुप्त पार्क में पंच शंकरी पौधों का पौधरोपण किया गया। जिसमें कि कायस्थ पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना भी की गई। इस मौके पर अखिल भारतीय कायस्थ महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मनोज सक्सेना एवं कायस्थ महासभा (युवा) के पश्चिमांचल अध्यक्ष प्रवीर सक्सेना उपस्थित रहे ।

loksabha election banner

आत्मा की शांति के लिए की प्रार्थना

मनोज सक्सेना ने पौधरोपण के बाद बताया कि इस समय पितृ पक्ष चल रहा है और हम सभी को अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करनी चाहिए, जो आज कायस्थ महासभा कर रही है। उन्होंने कहा कि कायस्थ पूर्वजों ने समाज के लिए बहुत काम किया है। आज हम उन सभी से प्रार्थना करते हैं कि वह आज के कायस्थों  को भी आशीर्वाद दें कि वह समाज के काम आ सके। इस मौके पर कायस्थ महासभा की शिक्षा प्रकोष्ठ की अध्यक्षा अमिता सक्सेना ने बताया कि आज पंच शंकरी पौधे जिनमें कि बरगद, बेलपत्थर, आमला, पलाश और सहजन आते हैं, इन पौधों का पौधराेपण पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए किया जाता है, इन्हीं पौधा का पौधरोपण आज महासभा द्वारा किया गया है। इस मौके पर महासभा जिला अध्यक्ष राकेश सक्सेना, महासभा जिला महामंत्री अनूप सक्सेना, महासभा कोषाध्यक्ष राघव जौहरी, शंकर सक्सेना, रॉबिन सक्सेना, जितेंद्र श्रीवास्तव आदि लोग मौजूद रहे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.