Move to Jagran APP

लॉकडाउन में निजी व सरकारी अस्पतालों की ओपीडी बंद, ऑनलाइन ट्रीटमेंट का ही सहारा Aligarh news

लकडाउन में सन्नाटा है तो जेहन में यही बात आती है कि क्या ये बीमारियां दब गई हैं।

By Mukesh ChaturvediEdited By: Published: Mon, 20 Apr 2020 06:00 PM (IST)Updated: Mon, 20 Apr 2020 06:58 PM (IST)
लॉकडाउन में निजी व सरकारी अस्पतालों की ओपीडी बंद, ऑनलाइन ट्रीटमेंट का ही सहारा Aligarh news
लॉकडाउन में निजी व सरकारी अस्पतालों की ओपीडी बंद, ऑनलाइन ट्रीटमेंट का ही सहारा Aligarh news

अलीगढ़ जेएनएन: लॉकडाउन से पहले तक जहां सरकारी व निजी अस्पतालों की ओपीडी में मरीजों की भीड़ रहती थी। सामान्य बीमारियों के अलावा हृदय, शुगर, बीपी, किडनी, अस्थमा आदि के मरीज भी नियमित चेकअप व दवा के लिए पहुंचते थे। वहीं, लॉकडाउन में सन्नाटा है तो जेहन में यही बात आती है कि क्या ये बीमारियां दब गई हैं। दरअसल, ओपीडी सेवाएं बंद होने के बाद अधिकतर चिकित्सक आनलाइन अथवा कॉल पर ही मरीजों से जुड़े हैं।

loksabha election banner

प्रेक्टो सॉफ्टवेयर पर इलाज 

केके हॉस्पिटल के श्वांस रोग विशेषज्ञ डॉ. पवन वाष्र्णेय ने बताया कि ऐसा नहीं है कि लॉकडाउन में लोग बीमार नहीं पड़ रहे, बल्कि वे घर से बाहर नहीं निकल रहे। ज्यादातर पुराने पर्चों पर ही इलाज करा रहे हैं। हमारे यहां प्रेक्टो सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल हो रहा है। इसमें सभी पुराने मरीजों का ब्योरा मोबाइल नंबर के साथ फीड है। जैसे ही कोई मरीज फोन करता है, उसका नाम, उम्र, पता व दिए गए इलाज का विवरण सॉफ्टवेयर पर दिखाई दे जाता है, जिसे देखकर इलाज बता दिया जाता है। गंभीर मरीजों को इमरजेंसी में देख रहे हैं। 

सुरक्षित इलाज ही प्राथमिकता

जीवन हॉस्पिटल की वरिष्ठ स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ. दिव्या चौधरी ने बताया कि इस समय किसी गर्भवती महिला को हॉस्पिटल नहीं बुला सकते। यह उसका ही नहीं, बच्चे की सुरक्षा का सवाल है। सामान्य ओपीडी बंद कर दी है। मरीजों को लगातार सूचना दी जा रही है कि वे फोन पर ही संपर्क करें। इमरजेंसी होने पर ही हॉस्पिटल बुलाया जाता है। 

वाट््सएप व वीडियो काङ्क्षलग

वरुण हॉस्पिटल के संचालक डॉ. संजय भार्गव ने बताया कि लॉकडाउन के चलते मरीज अब जरा सी परेशानी पर डॉक्टर के यहां नहीं जा रहे। हमारे यहां हृदय, शुगर, बीपी आदि के पुराने मरीजों को पुराने पर्चों पर ही टेलीफोन, वाट््सएप मैसेंजर व वीडियो कॉङ्क्षलग के माध्यम से सलाह दी जा रही है। गंभीर मरीजों को इमरजेंसी में आना पड़ेगा। इसके लिए 24 घंटे सुविधा उपलब्ध है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.