दीपावली पर 10 करोड़ की आतिशबाजी का उड़ा धुआं
शाम तक ही दुकानों पर खत्म हो गए थे पटाखे देररात तक गूंजता रहा धूम-धड़ाका।
जागरण संवाददाता, अलीगढ़ : रोशनी के त्योहार दीपावली पर करीब 10 करोड़ रुपये की आतिशबाजी का धुआं उड़ गया। शहर में ही आठ करोड़ रुपये की आतिशबाजी फूंकने की संभावना है। बच्चों के साथ बड़ों ने भी खूब आतिशबाजी छोड़ी। सतरंगी आतिशबाजी का लोगों ने लुत्फ उठाया। देररात तक पटाखों का शोर गूंजता रहा।
दो दशक से अधिक समय से नुमाइश मैदान में शहर का एकमात्र पटाखा बाजार लगता है। इस साल करीब 200 दुकानों के लाइसेंस जारी किए गए थे। पिछले साल से यह संख्या 50 कम थी, लेकिन शहर से लेकर देहात तक बिना लाइसेंस की दुकानों पर भी खूब आतिशबाजी बिकी। आतिशबाजों की मानें तो इन सब दुकानों से करीब 10 करोड़ रुपये की आतिशबाजी की बिक्री हुई है। खैर, अतरौली, हरदुआगंज में भी आतिशबाजी बाजार गुलजार रहे। लोगों ने जमकर आतिशबाजी खरीदी। दीपावली की शाम तक दुकानों पर सजी आतिशबाजी बिक चुकी थी। शहर में थोक विक्रेताओं के यहां भी खरीदारों की भीड़ रही। दीपावली पर एक-एक व्यक्ति ने 5 से 15 हजार रुपये तक की आतिशबाजी खरीदी। शाम से ही आतिशबाजी का धूम-धड़ाका शुरू हो गया था। क्वार्सी, रामघाट रोड, सासनी गेट, एटा चुंगी, सारसौल, रेलवे रोड, महावीरगंज, देहलीगेट, स्वर्ण जयंती नगर, मदार गेट, गूलर रोड, मसूदाबाद, आवास विकास व ग्रामीण क्षेत्रों में रातभर पटाखों का शोर गूंजता रहा। दीपोत्सव से पहले ही शासन, प्रशासन व स्वयंसेवी संस्थाओं ने पर्यावरण संरक्षण के लिए कम से कम आतिशबाजी चलाने या इससे परहेज करने की अपील की थी। दीपावली अपील का असर नहीं दिखा। प्रशासन ने रात आठ से दस बजे तक ही आतिशबाजी करने की अनुमति दी थी, मगर इसका भी असर नहीं दिखा। आतिशबाजी से प्रदूषण की मात्रा काफी बढ़ गई।
अन्य जिलों से सप्लाई : गौतमबुद्ध नगर, बुलंदशहर, हापुड़, आगरा समेत कई जिलों में प्रदूषण के मद्देनजर एनजीटी ने आतिशबाजी की बिक्री पर रोक लगाई थी। सूत्रों की मानें तो इन जिलों से अलीगढ़ में भी लाखों रुपये आतिशबाजी भेजी गई।