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अलीगढ़ की शेखाझील पर बढ़ेगी पक्षियों की संख्या, बुलाए जाएंगे विशेषज्ञ, ये है रणनीति

शेखाझील पर देसी व प्रवासी पक्षियों की घटती संख्या को लेकर ज्यादा चिंता करने की जरूरत नहीं। वन विभाग के प्रयास रंग लाए तो यहां पक्षियों की संख्या तो बढ़ेगी ही पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। इसके लिए वन विभाग आगामी 10 वर्ष एक्शन प्लान तैयार कर रहा है।

By Sandeep Kumar SaxenaEdited By: Published: Wed, 08 Dec 2021 10:54 AM (IST)Updated: Wed, 08 Dec 2021 10:54 AM (IST)
अलीगढ़ की शेखाझील पर बढ़ेगी पक्षियों की संख्या, बुलाए जाएंगे विशेषज्ञ, ये है रणनीति
शेखाझील पर देसी व प्रवासी पक्षियों की घटती संख्या पर वन विभाग एक्शन प्लान तैयार कर रहा है।

अलीगढ़,जागरण संवाददाता। शेखाझील पर देसी व प्रवासी पक्षियों की घटती संख्या को लेकर ज्यादा चिंता करने की जरूरत नहीं। वन विभाग के प्रयास रंग लाए तो यहां पक्षियों की संख्या तो बढ़ेगी ही, पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। इसके लिए वन विभाग आगामी 10 वर्ष एक्शन प्लान तैयार कर रहा है। इसमें पक्षियों की संख्या बढ़ाने के लिए ओखला (नई दिल्ली) समेत अन्य पक्षी विहारों व शोध से जुड़े विशेषज्ञों को आमंत्रित किया जाएगा। पर्यटकों के लिए अन्य सुविधाएं बढ़ाई जाएंगी।

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निरंतर घट रही पक्षियों की संख्या

देश के प्रसिद्ध वैज्ञानिक डा. सालिम अली 1976 में अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी आए थे। उन्होंने ही इस झील की पहचान कराई।1996 में अलीगढ़ प्रशासन ने झील को अपनी देख रेख में लिया। 2003 में तत्कालीन वन मंत्री रहे ठा. जयवीर सिंह के प्रयास से इसे लोकल झील (राष्ट्रीय वैटलैंड) का दर्जा मिला। सपा सरकार में पूर्व मंत्री ख्वाजा हलीम के प्रयासों से इस झील को 2016 में राष्ट्रीय पक्षी विहार घोषित कराया । चिंता की बात ये है कि झील पर पक्षियोंकी संख्या निरंतर घट रही है। पूर्व में शेखाझील पर 20 हजार तक देसी-विदेशी पक्षी आते थे, लेकिन अब बामुश्किल दो-ढाई पक्षी ही यहां आते हैं। पक्षियों की संख्या घटने से यहां पर्यटकों की संख्या भी कम हो गई है।

विस्तृत योजना बनाएगा वन विभाग

प्रभागीय वन निदेशक दिवाकर कुमार वशिष्ठ ने बताया कि झील पर पक्षियों की संख्या बढ़ा के लिए 10 साल का एक्शन प्लान बनाकर काम शुरू किया जाएगा इसमें बर्ड लाइफ से जुड़े विशेषज्ञों को अलीगढ़ बुलाकर झील पर पक्षियों की संख्या बढ़ाने के लिए सुझाव मांगे जाएंगे। विशेषज्ञों की सलाह पर झील को सेक्टर में बांट रहे हैं। झील की सफाई होगी। विशेषज्ञ बढ़ाएंगे कि झील और उसके वातावरण को किस तरह पक्षियों के अनुकूल बनाया जाए। इसके अलावा झील के आसपास हरियाली व झील का सुंदरीकरण किया जाएगा। पक्षी प्रेमियों व पर्यटकों को लुभाने का प्रयास होगा। कैफेटेरिया, पैदल मार्ग, इंटरपिटिशन सेंटर बनागा। यदि किसी को गोष्ठा या अन्य कार्यक्रम करना है तो उसके लिए स्थान दिया जाएगा। फैमिली के लिए सुविधाएं बढ़ेंगी। 10 वर्षों तक इसी तरह क्रमबद्ध तरीके से कार्य कराए जाते रहेंगे।


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