अब हेडमास्टर सीखेंगे मैनेजमेेंट का पाठ, आइएएसई लगाएगी क्लास Aligarh news
बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में पढ़ाने वाले प्रधानाध्यापकों को अब मैनेजमेंट का पाठ पढ़ाया जाएगा। ये व्यवस्था कक्षा एक से आठवीं तक के उन विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों के लिए होगी जो स्कूल कंपाेजिट विद्यालयों में तब्दील किए गए हैं।
अलीगढ़, जेएनएन । बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में पढ़ाने वाले प्रधानाध्यापकों को अब मैनेजमेंट का पाठ पढ़ाया जाएगा। ये व्यवस्था कक्षा एक से आठवीं तक के उन विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों के लिए होगी जो स्कूल कंपाेजिट विद्यालयों में तब्दील किए गए हैं। कंपाेजिट विद्यालयों में एक ही परिसर में संचालित प्राइमरी व जूनियर हाईस्कूल संचालित हैं। इसलिए यहां प्रबंधन को महत्वपूर्ण मानते हुए ये कदम उठाया जा रहा है।
चुनौतियों के समाधान कर प्रगति की ओर ले जाने की मिलेगी सीख
इंस्टीट्यूट आफ एडवांस स्टडी इन एजुकेशन (आइएएसई) के जरिए इन विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों के लिए आनलाइन नेतृत्व क्षमता संवर्द्धन प्रशिक्षण आयोजित करने की योजना तैयार की गई है। इसमें विद्यालय की कार्य संबंधी चुनौतियों का समाधान कर उसे प्रगति की ओर ले जाने की सीख दी जाएगी। दो विद्यालयों के काम व छात्रों की पढ़ाई को व्यवस्थित रखने के बारे में प्रधानाध्यापकों को बताया जाएगा। प्रधानाध्यापकों को इस बारे में जानकारी कराने के बाद फिर प्रधानाध्यापक अपने विद्यालयों के सहायक अध्यापकों को भी इसका प्रशिक्षण देंगे। परियोजना की ओर से प्रधानाध्यापकों व सहायक अध्यापकों को 14 रजिस्टरों में काम को व्यवस्थित ढंग से दर्ज करने का प्रशिक्षण भी दिया जा चुका है। पहले यह काम 40 से 50 रजिस्टरों में किया जाता था। मगर अब उनको 14 रजिस्टर ही मेंटेन करने हैं। यह भी इस प्रशिक्षण का हिस्सा होगा कि किस तरह सही प्रबंधन के जरिए 14 रजिस्टर में सारी प्रविष्टियां और सभी जरूरी जानकारियों को दर्ज किया जाए। पहले प्रथम चरण में इन विद्यालयों और प्रधानाध्यापकों से संबंधित जानकारी जुटाने के लिए एक सर्वेक्षण किया जा रह है। सर्वेक्षण पांच खंड में है, जो हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषा में है। कंपोजिट विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों को सर्वेक्षण के सभी प्रश्नों का उत्तर देना अनिवार्य है।
इनका कहना है
बीएसए डा. लक्ष्मीकांत पांडेय ने कहा की तमाम प्राइमरी व जूनियर हाई स्कूलों को संविलित कर कंपोजिट विद्यालय बनाया गया है। दो परिसरों का काम एक प्रधानाध्यापक पर आया है। इसलिए सही प्रबंधन के जरिए काम को व्यवस्थित रखने की ट्रेनिंग इनको दी जाएगी। जिससे बेहतर शिक्षा का माहौल तैयार होगा।