अलीगढ़ में अब शत्रु संपत्ति की सुरक्षा करेगी तारबंदी, अतरौली में काम शुरू
बंटवारे के बाद पाकिस्तान जाने वाले लोगों की संपत्ति को सरकार ने शत्रु संपत्ति घोषित किया है। सरकार ने ऐसी संपत्तियों की सुरक्षा के लिए तारबंदी की योजना बनाया है। अतरौली के रघुपुरा स्थित जमीन तारबंदी का काम सोमवार से शुरू हो गया है।
सुरजीत पुंढीर, अलीगढ़ । शत्रु संपत्ति पर अवैध कब्जे रोकने के लिए प्रशासन ने अब कार्रवाई तेज की है। कई संपत्तियों की जांच की जा रही है। वहीं, सुरक्षा के लिए तारबंदी भी कराई जा रही है। यह निर्णय केंद्र सरकार के शत्रु संपत्ति अभिरक्षक कार्यालय के निर्देश पर लिया गया है। ऐसा जिले में पहली बार हो रहा है। पहले चरण में शत्रु संपत्ति में शामिल अतरौली की रघुपुरा स्थित 1.09 हेक्टेयर जमीन पर तारबंदी का काम सोमवार से शुरू हो गया। इसके लिए लोक निर्माण विभाग ने 1.56 लाख रुपये का टेंडर जारी किया है।
बंटवारे के बाद पाकिस्तान गए लोगों की संपत्ति को शत्रु संपत्ति का नाम दिया गया
हिंदुस्तान के बंटवारे के समय पाकिस्तान चले गए लोगों की संपत्ति को शत्रु संपत्ति का नाम दिया गया है। यह सरकारी संपत्ति के रूप में प्रयोग होती है। मालिकाना हक जिला प्रशासन का होता है। जिले में पदेन उप अभिरक्षक शत्रु संपत्ति के रूप में डीएम होते हैं। यही संरक्षण करते हैं। जिले में कुल शत्रु संपत्ति की संख्या 48 है। इनमें कोल, अतरौली, गभाना व खैर की शत्रु संपत्ति शामिल हैं। इस पर हो रहे अवैध कब्जे और सुरक्षा के मुद्दे को दैनिक जागरण ने प्रमुखता से उठाया। इसके बाद प्रशासन ने भी कार्रवाई तेजी से शुरू की।
जांच में हुआ पर्दाफाश
पिछले दिनों अतरौली के कोहर रघुपुरा के गाटा संख्या 147 के रकवा 1.09 हेक्टेयर जमीन की एक शिकायत हुई थी। इसमें आरोप लगाया था कि यह जमीन शत्रु संपत्ति है। इसके मालिक पूर्व में ही देश छोड़कर चले गए। एडीएम प्रशासन डीपी पाल ने शिकायत के बाद इस मामले की जांच के आदेश दिए। अतरौली तहसील प्रशासन ने जांच पड़ताल की। इसमें जमीन के शत्रु संपत्ति की पुष्टि हो गई। इसके बाद तहसील की रिपोर्ट जिला प्रशासन पर आ गई।
शासन से मिले आदेश
एडीएम प्रशासन ने तहसील की जांच आख्या को गृह मंत्रालय के शत्रु संपत्ति के अभिरक्षक कार्यालय में भेजा। यहां से तत्काल जमीन को शत्रु संपत्ति में दर्ज करने के आदेश हुए। अब बीते दिनों प्रशासन ने इस जमीन को शत्रु संपत्ति में दर्ज कर दिया। इसके बाद दोबारा से जिला प्रशासन ने अभिरक्षक कार्यालय को एक और रिपोर्ट भेजी। इसमें इस जमीन पर कब्जा लेने के लिए तारबंदी कराने की संस्तुति की। शाासन स्तर से इस पर तत्काल मोहर लगा दी गई।
जांच पूरी होते ही होगी तारबंदी
प्रशासन अन्य शत्रु संपत्ति पर भी अब इसी तरह कार्रवाई करेगा। जलाली में करीब 10 बीघा जमीन की शत्रु संपत्ति की जांच पूरी हो गई है। इसे अब गृह मंत्रालय में भेजा जा रहा है। वहां से संस्तुति मिलते ही इस पर भी तारबंदी कराई जाएगी। गभाना, खैर व कोल ही अन्य खेत वाली शत्रु संपत्ति की भी तारबंदी होगी। शहर के पाश इलाकों में स्थित शत्रु संपत्ति पर इसी तरह कार्रवाई होगी।
इनका कहना है
अवैध कब्जों को रोकने के लिए अतरौली के कोरह रघुपुरा की शत्रु संपत्ति की तारबंदी कराई जा रही है। 1.56 लाख का बजट इसके लिए शत्रु संपत्ति अभिरक्षक कार्यालय से मिल गया है। लोक निर्माण विभाग काम कर रहा है। बीते दिनों ही जांच में इसके शत्रु संपत्ति होने का पर्दाफाश हुआ था।
डीपी पाल, एडीएम प्रशासन