नगला कलार कांड में इंस्पेक्टर को नोटिस
सख्ती - वारंटियों को भी पेश न करने पर कोर्ट ने फटकारा - चार साल में मात्र छह की गवाह
अलीगढ़ : नगला कलार की छह साल की बदनसीब बच्ची के साथ हुई द¨रदगी के आरोपी को पुलिस ने जेल जरूर भेज दिया, मगर कोर्ट को साक्ष्य देने में घोर अनियमिता बरत रही है। इस घटना पर सुप्रीम कोर्ट की तल्ख टिप्पणी से शर्मसार हो चुकी पुलिस की लापरवाही तो देखिए, चार साल में मात्र छह गवाह ही कोर्ट में पेश हुए हैं। 13 के वारंट जारी हैं। बावजूद इसके पुलिस इन्हें हाजिर नहीं कर रही। नाराज कोर्ट ने इंस्पेक्टर बन्नादेवी को 350 का नोटिस जारी करते हुए कार्रवाई की चेतावनी दी है।
शहर के बन्नादेवी क्षेत्र के नगला कलार में 17 अप्रैल-13 की रात छह साल की गुड़िया (काल्पनिक नाम) की दुष्कर्म के बाद हत्या कर दी गई थी। पुलिस के देर से आने पर पब्लिक सड़क पर आ गई। जाम लगाया तो लाठियां मिलीं। सीओ द्वितीय रहे एके सिंह के बुजुर्ग महिला को धक्का मारती तस्वीरें सुर्खियां बनने पर सुप्रीम कोर्ट ने फटकार लगाई तो सीओ व दो कांस्टेबल निलंबित किए गए। पड़ोस के आरोपी टेंपो चालक सोमना उर्फ सुमन पर 25 हजार का इनाम भी घोषित हुआ। खैर पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया था। 17 अगस्त-13 को आरोप तय हो चुके हैं। 19 गवाह बनाए गए हैं। बीती तीन फरवरी को तत्कालीन खैर इंस्पेक्टर आरएन सिंह की गवाही हुई थी। इसके बाद कोई गवाह पेश नहीं हुआ। गवाहों में दो विवेचक, स्लाइड तैयार करने वाले पैथोलॉजिस्ट डॉ. शफी अहमद, डॉ. मधुप कौशल, अभियुक्त सोमना का इलाज करने वाले डॉ. संजय भार्गव आदि हैं। पीड़ित पक्ष के वकील वीरपाल सिंह जादौन ने बताया कि घोर लापरवाही पर इंस्पेक्टर को नोटिस जारी हुए हैं।
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