टीडीएस न चुकाने पर अलीगढ़ परिक्षेत्र में शामिल सात जिलों के 170 संस्थानों को नोटिस
गाजियाबाद स्थित सेंट्रल प्रोसेसिंग सेंटर (सीपीसी) ने 170 ऐसे सरकारी व गैर सरकारी संस्थान, जिन्होंने टैक्स डिडेक्शन एट सोर्स (टीडीएस) नहीं चुकाया है को नोटिस दिया है।
अलीगढ़ (जेएनएन)। टीडीएस न चुकाने वालों पर केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने शिकंजा कसना शुरू किया है। गाजियाबाद स्थित सेंट्रल प्रोसेसिंग सेंटर (सीपीसी) ने 170 ऐसे सरकारी व गैर सरकारी संस्थान, जिन्होंने टैक्स डिडेक्शन एट सोर्स (टीडीएस) नहीं चुकाया है को नोटिस दिया है। इनमें अधिकांश ऐसे मामले हैं, जिन्होंने टीडीएस काट तो लिया है मगर आयकर विभाग के खाते में जमा नहीं किया है। बड़ी तादाद में सरकारी व गैर सरकारी संस्थान हैं, जिन पर न्यूनतम 10 लाख से 90 करोड़ रुपये तक निकलते हैं। इन्हें पहले नोटिस भेजे जा चुके हैं, कोई भी जवाब न मिलने पर उन्हें चेतावनी दी गई है कि क्यों न इन पर अभियोजन की कार्रवाई की जाए।
तर्क संगत दिए जवाब
आयकर विभाग में कुछ सरकारी संस्थानों ने तर्क संगत जवाब भी दिए हैं। अपनी सफाई में जिनका टीडीएस काटा गया है, उनके या तो पैन नंबर (परमानेंट अकाउंट नंबर) अटैच नहीं हैं, या फिर पैन नंबर मिस मैच हैं। ऐसे लोगों को दुबारा नोटिस जारी कर उनके खिलाफ अभियोजन की सिफारिश करने की तैयारी की गई है।
ये जिले हैं शामिल
अलीगढ़ परिक्षेत्र में शामिल एटा, हाथरस, कासगंज, मैनपुरी, फर्रुखाबाद, कन्नौज व अलीगढ़ के सरकारी विभाग में तैनात अधिकारी व कर्मचारियों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। वे रिटर्न दाखिल नहीं कर पा रहे हैं।
ये हैं विभाग
पीडब्ल्यूडी, शिक्षा, सिंचाई, दुग्ध उत्पादन सरकारी यूनिट, जल निगम, रक्षा मंत्रालय से जुड़ा विभाग, मानव संसाधन मंत्रालय से जुड़े विभाग, जिला कोषागार, समाज कल्याण विभाग, पुलिस, नगर पंचायत, नगर पालिका आदि।
नोटिसों को नजरअंदाज करने वालों पर होगी कार्रवाई
आयकर अधिकारी चतर सिंह पाल ने बताया कि टीडीएस के प्रति सरकारी व गैर सरकारी विभाग को संजीदा होना होगा। जिन लोगों ने नोटिसों को नजरअंदाज किया है, उनके खिलाफ अभियोजन की सिफारिश की जाएगी।
जुर्माना वसूला जाएगा
दी अलीगढ़ चार्टर्ड अकाउंटेंट एसोसिएशन के पूर्व चेयरमैन घनश्याम माहेश्वरी ने बताया कि सितंबर माह की तिमाही रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि 31 अक्टूबर है। इसके बाद 200 रुपये रोजाना के हिसाब से जुर्माना वसूला जाएगा। जो फर्म अथवा संस्थान डिफोल्टर हैं, वे अपने कर्मचारियों का शोषण कर रही हैं। जिस कर्मचारी का टीडीएस कटा है, वह रिफंड का दावा नहीं कर सकेगा।