परीक्षा के नाम पर विद्यार्थियों ही नहीं अफसरों के भी छूटते हैं पसीने, जानिए मामला Aligarh news
यूपी बोर्ड परीक्षा अायोजन ही ऐसा होता है कि इससे विद्यार्थियों ही नहीं बल्कि अफसरों के भी पसीने छूट जाते हैं। परीक्षाएं हों तो विद्यार्थियों को टेंशन होती है। परीक्षाओं के संबंध में कोई गड़बड़ी हो या गलत सूचना प्रसारित की जाए तो अफसरों के माथे पर बल आता है।
अलीगढ़ , जेएनएन । यूपी बोर्ड परीक्षा आयोजन ही ऐसा होता है कि इससे विद्यार्थियों ही नहीं बल्कि अफसरों के भी पसीने छूट जाते हैं। परीक्षाएं हों तो विद्यार्थियों को टेंशन होती है और परीक्षाओं के संबंध में कोई गड़बड़ी हो या गलत सूचना प्रसारित की जाए तो अफसरों के माथे पर बल आ जाता है। ऐसा ही माध्यमिक शिक्षा विभाग के सामने भी वाकया आया है। इससे जिलास्तर पर अफसर ही नहीं बल्कि बोर्ड व शासनस्तर तक आलाधिकारियों में टेंशन का माहौल बन गया। आखिरकार फर्जीवाड़े से उपजे संशय को खत्म करने के लिए आलाधिकारियों को पत्र तक जारी करना पड़ गया।
चुनाव के चलते स्थगित हुईं परीक्षाए
यूपी बोर्ड की परीक्षाएं पहले 24 अप्रैल से कराई जानी प्रस्तावित थीं। बाद में उनको पंचायत चुनाव के चलते स्थगित कर दिया गया। कहा गया कि अब परीक्षाएं आठ मई के बाद कराई जाएंगी। मगर इस बीच कोरोना संक्रमण ने तेजी से अपने पैर सभी जिलों में पसारने शुरू कर दिए। इसके चलते पहले 15 मई तक विद्यालयों को बंद रखने के आदेश जारी किए गए। अब 20 मई और 25 मई तक विद्यालयों को बंद करने के आदेश शासनस्तर से जारी हुए। कोरोना संक्रमण की बढ़ती रफ्तार को देखते हुए एहतियातन बोर्ड परीक्षाएं जुलाई तक कराने की बातें भी बोर्ड की ओर से सामने आईं। ऐसे में किसी ने इंटरनेट मीडिया पर पांच जून से यूपी बोर्ड परीक्षाएं कराने का शासन का फर्जी पत्र वायरल कर दिया।
तेजी से वायरल हुआ पत्र
इस पत्र के वायरल होते ही इसको एक ग्रुप से दूसरे ग्रुप में शेयर करते हुए तेजी से शिक्षा जगत में फैला दिया गया। अफसरों के मोबाइल फोन की घंटियां घनघनाने का दौर शुरू हो गया। ऐसे में अफसरों ने इसकी सूचना यूपी बोर्ड के क्षेत्रीय कार्यालय मेरठ तक पहुंचाई। वहां से ये सूचना शासन को व यूपी बोर्ड को भेजी गई। अब सोमवार को बोर्ड से पत्र जारी किया गया है कि जून में परीक्षाएं कराने के जो आदेश इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो रहे हैं वो नितांत फर्जी व कूटरचित हैं। इस संदेश को वायरल करने वालों पर एफआइआर दर्ज कराने का कदम भी बोर्ड की ओर से उठाया जा रहा है। मगर जिलास्तर पर डीआइओएस डा. धर्मेंद्र कुमार शर्मा ने पत्र जारी कर प्रधानाचार्यों को अवगत करा दिया है कि पांच जून से परीक्षाएं कराने के आदेश फर्जी हैं। लिहाजा इस संबंध में कोई भी शंका अपने मन में न लाएं। जब परीक्षाएं कराने के संबंध में शासन व बोर्ड से आदेश आएंगे तो व्यवस्थाएं दुरुस्त करने संबंधी पत्र जारी किया जाएगा।